प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Acute Encephalitis Syndrome News: इन दिनों नागपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मरीज मिल रहे हैं। इसके बाद मनपा द्वारा सभी अस्पतालों को जानकारी देने के निर्देश दिये गये हैं लेकिन अब भी कई अस्पतालों द्वारा मरीजों की जानकारी नहीं दी जा रही है।
इतना ही नहीं, संदिग्ध मरीज मिलने से अन्य अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। इस बीच प्रशासन ने संदिग्ध मरीजों की जांच पुणे की राष्ट्रीय प्रयोगशाला से कराना अनिवार्य कर दिया है।
एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) गंभीर चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क में अचानक सूजन (brain inflammation) हो जाती है, जो बुखार, मानसिक भटकाव, दौरे और कोमा का कारण बन सकती है। यह वायरस, बैक्टीरिया या अन्य संक्रमणों के कारण हो सकता है। विशेषकर बच्चों में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है।
उपचार में सहायक देखभाल और संक्रमण के कारण का पता लगाना शामिल है जबकि रोकथाम में स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल, मच्छर नियंत्रण और जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) का टीकाकरण शामिल है। मस्तिष्क से संबंधित यह बीमारी समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकती है।
इसके मद्देनजर नागपुर महानगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग ने बुखार, तेज सिरदर्द, बेहोशी, दौरे, उल्टी आदि जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी मनपा अस्पताल या अपने नियमित चिकित्सक से उपचार लेने की अपील जनता से की है। अब तक एईएस के 8 मरीज दर्ज किए गए हैं।
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इस संबंध में बताया जा रहा कि एम्स में पिछले दिनों कुछ मरीज भर्ती हुये थे। इनमें से 3 की मौत हो गई। यह बीमारी नोटिफाइड है। इस बारे में मनपा को अवगत कराना अनिवार्य होता है लेकिन अस्पताल प्रशासन ने देरी से जानकारी दी। साथ ही मृत्यु के कारणों की पुष्टि भी नहीं हो सकी।
मरीजों के नमूनों की जांच पुणे की प्रयोगशाला से नहीं कराई गई। इस संबंध में मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर ने बताया कि एम्स से दोबारा जानकारी मांगी गई है। साथ ही सभी अस्पतालों को संदिग्ध मरीजों की जांच पुणे की प्रयोगशाला से कराने के निर्देश दिये गये हैं ताकी बीमारी की सही पुष्टि हो सके।