प्रवर्तन निदेशालय (सौ. फाइल फोटो )
Mumbai News In Hindi: वसई-विरार मनपा के नगर नियोजन विभाग का काम ठप पड़ गया है। शहर में हुए सुनियोजित भवन निर्माण परमिट घोटाले, तत्कालीन नगर नियोजन उपनिदेशक और पूर्व आयुक्त की ईडी द्वारा गिरफ्तारी ने सबको चिंतित कर दिया है, इससे नगर नियोजन विभाग का कामकाज प्रभावित हुआ है।
वसई-विरार मनपा के नगर नियोजन विभाग में कोई अधिकारी उपलब्ध न होने से, सैकड़ों नई स्वीकृत फाइलों पर निर्णय नहीं हो पा रहा है और शहर के निर्माण व्यवसायी परेशान हैं। वसूली निदेशालय ने वसई-विरार शहर में निर्माण घोटाले का पर्दाफाश किया था। इस मामले में पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार और तत्कालीन नगर नियोजन उपनिदेशक वाई। एस। रेड्डी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ईडी ने कई आर्किटेक्ट, चार्टर्ड एकाउंटेंट और बिल्डरों से पूछताछ की है। इसका असर नगर नियोजन विभाग पर पड़ता दिख रहा है। सभी प्रकार के परमिट रोक दिए गए हैं। किसी को भी निर्माण अनुमति (सीसी) नहीं दी जा रही है। इस वजह से कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं। कई निर्माण व्यवसायियों ने ऋण लिया है, लेकिन उनका कहना है कि अनुमति न मिलने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। निर्माण व्यवसायियों ने इस बात पर खेद व्यक्त किया है कि नवनियुक्त जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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मनपा ने बताया है कि विकास योजना अनुमोदन, अधिभोग प्रमाण पत्र, निर्माण अनुमति और अन्य कार्य वर्तमान में चल रहे हैं, जिनमें जोन प्रमाण पत्र जारी करना, नागरिकों की शिकायतों का निवारण शामिल है। पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार और नगर नियोजन उपनिदेशक वाई। एस। रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद से नगर नियोजन विभाग का कार्यभार सहायक निदेशक चंद्रशेखर दिघावकर के पास था, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय की जांच के कारण वे डेढ़ महीने से अवकाश पर थे। मनपा में कार्यभार ग्रहण न करने के कारण उन्हें नोटिस भी दिया गया था। नगर आयुक्त ने बताया है कि वर्तमान में यह कार्यभार नगर नियोजन अधिकारी श्वेता माने को सौंपा गया है।