अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Ajit Pawar Warning Ministers: अपनी बेबाकी व स्पष्ट कार्यप्रणाली के लिए पहचाने जाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने नागपुर चिंतन शिविर में अपने मंत्रियों को जमीन पर रहकर कार्य करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि नागरिक हमसे प्रामाणिकता व जिम्मेदारी भरे व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं। इसलिए उनके साथ टालमटोल का व्यवहार न करें। प्रत्येक घटक के सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी हमारी है। देखेंगे, आज आओ, कल आना, वहां मिलो…जैसा रवैया नहीं चलेगा।
अजित पवार ने कहा कि मंत्रियों और पदाधिकारियों को पार्टी की अपेक्षा दूसरे कार्य अधिक हों तो उन्हें कुर्सी खाली करनी पड़ेगी। अनेक मंत्रियों को राज्य सहित विदर्भ में जिलों का पालकमंत्री पद मिला है। उन्हें वहां जाना ही होगा और वहां के जिलाध्यक्षों को साथ लेकर जनता के बीच जाना पड़ेगा। अगर नहीं तो कुर्सी खाली करें ताकि दूसरों को जिम्मेदारी दें। तभी गंभीरता समझ में आएगी।
पालकमंत्री केवल 15 अगस्त, 26 जनवरी और 1 मई महाराष्ट्र दिवस पर झंडा फहराने के लिए नहीं हैं। सभी मंत्रियों को अपने जिले सहित अन्य जिलों व तहसीलों में जाकर स्थानीय पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ लोगों से संवाद साधना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अब तक जो चलता रहा वह अब नहीं चलेगा। छोटी-मोटी गलतियां सुधारें अन्यथा कुर्सी खाली करनी पड़ेगी।
नागपुर चिंतन शिविर में कुछ मंत्री व पदाधिकारी समय पर नहीं पहुंचे। इस पर भी दादा उखड़ गए। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए एक दिन समय पर आने को कहा गया। उस पर भी कुछ लोगों को तकलीफ होती है। मंत्री, पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को समय का महत्व समझना चाहिए।
मुझे समय की पाबंदी से कोई दिक्कत नहीं है। सभी को जिम्मेदारी समझनी चाहिए। अगली बार एयरोप्लेन की तरह समय पर दरवाजा बंद करके देखेंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मंत्रियों को 3 दिन मुंबई में रहने, 1 दिन अपने मतदान क्षेत्र में और शेष 3 दिन पार्टी का कार्य करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यह सभी को करना होगा।
पवार ने कहा कि वे व्यक्तिगत स्वार्थ या सत्ता के लिए महायुति के साथ नहीं बल्कि महाराष्ट्र में स्थिरता व विकास के लिए गए। ऐसा करते हुए पीड़ा भी हुई लेकिन यह समय की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि महायुति समन्वय पर टिका है क्योंकि आपसी सम्मान की भावना है।
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी मेरे विकास व जनहित की योजनाओं के प्रस्ताव को नकारा नहीं लेकिन राकां की भी अपनी स्वतंत्र पहचान व कार्यप्रणाली है। चुनाव में हार-जीत होती रहती है लेकिन अपने सिद्धातों, विचारों पर टिके रहना है।
डिप्टी सीएम ने हम सभी जाति-धर्म-सम्प्रदाय को साथ लेकर चलने वाली पार्टी हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज, महात्मा फुले, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के विचारों पर चलने वाली पार्टी टिकेगी। जहर घोलने वाले नहीं टिकने वाले।
प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि चिंतन शिविर में भविष्य के लिए जो रोडमैप तैयार होगा उस पर सभी को कार्य करना है। विधानसभा चुनाव में हार का भय था लेकिन अजीत पवार, प्रफुल पटेल सहित वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन, परिश्रम व किये गए कार्यों से भारी जीत मिली। यह जीत जादू से नहीं बल्कि जनता की सेवा व कार्यों से मिली है।
तटकरे ने कहा कि आगे चुनावों में जाना है। जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना है। इसके लिए बूथ स्तर पर मजबूती व सरकारी अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर उनके लिए कार्य करें। कार्य में पारदर्शिता हो और उसका मूल्यांकन हो। मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को अवसर देकर प्रोत्साहित करेंगे। आपकी मेहनत का आदर होगा। सत्ता के लिए नहीं बल्कि जनता के लिए कार्य करेंगे तो आगामी चुनाव जीतेंगे।