शरद पवार और छगन भुजबल (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Politics: ओबीसी नेता व कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण का जीआर रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि मराठा को जैसा आरक्षण मिल रहा है वैसा ही ओबीसी को दिया जाए। वे नागपुर में आयोजित अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद के कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने ओबीसी आरक्षण की रक्षा करने की मांग के साथ राज्य सरकार व राकां नेता शरद पवार पर भी तोप के गोले दागे।
उन्होंने कहा कि मराठा को पहले से आरक्षण मिल रहा है और जो दूसरा जीआर निकाला गया उसे चर्चा के लिए मंत्रिमंडल में लाया नहीं गया। उसे तत्काल रद्द करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आरक्षण को लेकर शरद पवार कुछ अलग ही नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे की सरकार में गठित मराठा समिति में अजित पवार, जयंत पाटिल, एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, अशोक चव्हाण, बालासाहब थोरात शामिल थे और सरकार के संरक्षक शरद पवार थे।
उस समय उन्होंने यह नहीं कहा कि मराठा नेताओं को ही क्यों समिति में रखा गया। उन्होंने कहा, शरद पवार ने राज्य में मंडल आयोग की सिफारिश लागू कराई। शिवसेना छोड़ मैं उनके साथ गया, हमेशा साथ रहा लेकिन ओबीसी को लेकर पवार की भूमिका अब पहले से अलग दिख रही है। आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए मैंने उनसे निवेदन किया लेकिन वे नहीं आए।
भुजबल ने कहा कि ओबीसी अपना हक बचाने के लिए लड़ रहा है और इधर मराठा को ओबीसी में शामिल कर राजनीतिक आरक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है। न्यायालय ने पहले ही मराठा आरक्षण नकार दिया था फिर भी आरक्षण की व्यवस्था की गई। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए लागू 10 प्रतिशत आरक्षण में से 8 प्रतिशत आरक्षण मराठाओं को मिल रहा है।
मराठा विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल सुविधा है, हॉस्टल नहीं होने पर 60,000 रुपये वार्षिक सहायता दी जाती है। उन्होंने कहा कि मराठा युवाओं को रोजगार के लिए मात्र 3 साल में 25,000 करोड़ रुपये दिए गए और ओबीसी को 25 वर्ष में सिर्फ 2,500 करोड़। ओबीसी विकास महामंडल को केवल 5 करोड़ बजट में मंजूर किया गया और मराठा से संबंधित अण्णासाहब पाटिल महामंडल के लिए 750 करोड़ मंजूर किए गए।
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विधानसभा में मांग की जा चुकी है कि ओबीसी को भी मराठा की तरह आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ओबीसी प्रमाणपत्र बांटे जा रहे हैं। मराठा कुणबी के नाम पर प्रमाणपत्र बंटे हैं। उन्होंने बोगस ओबीसी की जांच के लिए भी समिति गठित करने की मांग की।