जनगणना (सौजन्य-सोशल मीडिया, कंसेप्ट फोटो)
Maharashtra Local Body Elections: नागपुर जिला परिषद चुनाव में इस बार रोटेशन सिस्टम से सर्कल आरक्षण न करते हुए जीरो से निश्चित करने का निर्णय सरकार ने लिया है। सर्कल रचना में बदलाव के चलते यह निर्णय लिया जाना बताया जा रहा है। आगामी वर्ष से जनगणना होगी। जनसंख्या में वृद्धि के नये आंकड़े सामने आएंगे। बढ़ी हुई जनसंख्या के कारण सर्कल की संख्या में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
संभावना जताई जा रही है कि इस कारण फिर सर्कल रचना में बदलाव होगा और फिर नये सिरे से जीरो से आरक्षण निश्चित करना पड़ेगा। जिला परिषद चुनाव इसी वर्ष होने की चर्चा है। इस चुनाव में सर्कल रचना निश्चित की गई है और अब सर्कल आरक्षित करने की पद्धति भी ग्राम विकास विभाग ने जाहिर की है। उसके अनुसार रोटेशन सिस्टम से न करते हुए जीरो से आरक्षण निश्चित किया जाएगा।
हालांकि नई पद्धित को न्यायालय में चुनौती दी गई है। सरकार का कहना है कि सर्कल रचना में परिवर्तन होने के कारण अधिकार भी बदला है। इसलिए शून्य से आरक्षण निश्चित किया जा रहा है। आगामी वर्ष जनगणा के बाद जब नये आंकड़े सामने आएंगे तो एससी, एसटी की जनसंख्या के आंकड़े भी बदलेंगे।
केन्द्र सरकार ने जाति निहाय जनगणना करने का निर्णय लिया है। इससे एससी, एसटी के साथ ही ओबीसी जनसंख्या भी सामने आएगी। स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण है। फिलहाल एससी, एसटी सर्कल आरक्षण जनसंख्या के आधार पर निश्चित किया जाता है।
ओबीसी के लिए लाटरी सिस्टम से आरक्षण तय होता है। जनगणना से ओबीसी की जनसंख्या भी निश्चित होगी और फिर चुनाव में ओबीसी सर्कल भी जनसंख्या के आधार पर निश्चित होगा। इसलिए आगामी समय में ओबीसी सर्कल रोटेशन सिस्टम से नहीं बल्कि जीरो से सुनिश्चित करना पड़ेगा।
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बता दें कि 2011 में जनगणना हुई थी और अब अगले वर्ष दो चरणों में होने वाली है। इतने वर्षों में जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई है। प्रत्यक्ष आंकड़ा सामने आएगा तो जिला परिषद सर्कल संख्या भी बढ़ेगी। उद्धव ठाकरे सरकार ने जिला परिषद के सर्कल बढ़ोतरी का अध्यादेश निकाला था। उसके बाद सत्ता में आई एकनाथ शिंदे सरकार ने वह अध्यादेश पीछे ले लिया था। तर्क दिया गया था कि जनसंख्या का अधिकृत आंकड़ा नहीं होने से सर्कल नहीं बढ़ाए जा सकते। जनगणना का आंकड़ा आने के बाद सर्कल बढ़ाया जा सकता है।