
बोटिंग सफारी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur News: देश-विदेश में मशहूर पेंच टाइगर रिजर्व में हर वर्ष लाखों पर्यटक जंगल के खूबसूरत दृश्यों और प्रकृति का आनंद लेने पहुंचते हैं। 789 वर्ग किमी में फैले वन में जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को बाघ, तेंदुओं, हिरण, नीलगाय, बारहसिंगा, लोमड़ी आदि वन्यजीवों के दीदार होते हैं। पेंच टाइगर रिजर्व को अधिक आकर्षक बनाने के लिए यहां बोटिंग सफारी शुरू करने की योजना बनाई गई है।
इसके लिए महाराष्ट्र इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (एमईडीबी) के माध्यम से सरकार को स्थायी पर्यटन के लिए 2.5 करोड़ रुपये की व्यापक योजना सौंपी गई थी। बोटिंग सफारी के तहत 1.5 करोड़ की लागत से पेंच में 2 गैर प्रदूषणकारी इलेक्ट्रिक नौकाएं मंगाई जानी थीं। इनमें से एक नौका पेंच पहुंच गई है। अनुमति के अभाव में दूसरी नौका अटकी हुई है। दूसरी नौका आने में देरी के चलते बोटिंग सफारी का इंतजार बरकरार है। सूत्रों के अनुसार वर्ष के अंत तक दूसरी नौका पेंच में आने और बोटिंग सफारी शुरू होने के संकेत हैं।
बोटिंग सफारी का उद्देश्य नाव सफारी को एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण के रूप में बढ़ावा देना है। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है। बता दें कि पेंच में बोटिंग सफारी जून 2024 में शुरू की जानी थी लेकिन नाव के अभाव में इसे शुरू नहीं किया जा सका। अधिकारियों के अनुसार दोनों नौकाएं दक्षिण भारत से लाई जानी हैं। हालांकि एक नौका यहां आ गई है लेकिन दूसरी नौका अनुमति के कारण अटकी है। ऐसे में बोटिंग सफारी में देर हो रही है।
23 घंटे पानी की सैर
2.5 घंटे तक भ्रमण
24 पर्यटक 1 नाव में
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सोलार पावर से चलने वाली 2 नौकाओं से रोजाना 2 ट्रिप प्रति नौका कुल 4 ट्रिप लगाई जाएगी। सुबह और दोपहर कोलितमारा से कुवारा भिवसेन होते हुए नवेगांव खेरी तक लगभग 23 किमी लंबे रूट पर पर्यटकों को जल पर्यटन का आनंद मिलेगा। इसमें लगभग 2.5 घंटे का समय लगेगा। एक बोट में 24 पर्यटक सवार हो सकेंगे। इसके तहत रोजाना कुल 96 पर्यटक बोटिंग सफारी का आनंद ले सकेंगे। बोटिंग सफारी के लिए प्रति पर्यटक 1,500 रुपये का टिकट शुल्क लिया जाएगा। इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। केवल बोट के आने का इंतजार है।
सिटी में अंबाझरी, फुटाला, गोरेवाड़ा, सोनेगांव, गांधी सागर जैसे बड़े तालाब मौजूद हैं। पूरे वर्ष ये तालाब पानी से लबालब रहते हैं। इनमें बोटिंग के साथ वाटर स्पोर्ट्स भी शुरू किये जा सकते हैं। संबंधित अथॉरिटी की उदासीनता इसमें बाधा बनी हुई है। कागजों में तो बड़ी-बड़ी योजनाएं हैं और नेताओं द्वारा सपना भी दिखाया जाता है लेकिन इसे साकार करने की इच्छाशक्ति नजर नहीं आ रही है।
रोमांचक स्पोर्ट्स की सुविधा दी गई तो बड़ी संख्या में आसपास के शहरों से भी पर्यटक वीकेंड एंजॉय करने यहां पहुंचेंगे। यहां मोटर बोट तक चलाई जा सकती है। सी-प्लेन का भी सपना दिखाया गया था जो ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।






