बावनकुले ने जलसंकट और बाढ़ की स्थिति का लिया जायजा। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: नागपुर जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने गर्मी के दौरान होने वाली जलसंकट और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा और समाधान की योजना बनाने के लिए शनिवार को नागपुर नगर निगम आयुक्त के सभाकक्ष में एक बैठक आयोजित की। उन्होंने निर्देश दिए कि इस मानसून सीजन के दौरान नागरिकों को किसी भी प्रकार की बाढ़ की समस्या का सामना नहीं करना चाहिए तथा जल रिसाव को कम करने के उपाय किए जाएं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस वर्ष भूजल स्तर बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में पूर्व नागपुर विधायक कृष्णा खोपड़े, मनपा आयुक्त एवं प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी, जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर, मुख्य अभियंता लीना उपाध्याय, अधीक्षण अभियंता मनोज तालेवार और डॉ. श्वेता बनर्जी उपस्थित थीं। सर्वप्रथम डॉ. अभिजीत चौधरी ने पालकमंत्री का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।
बावनकुले ने कहा कि प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि मानसून के दौरान सीमेंट सड़कों के कारण नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए जोन स्तर पर निचले इलाकों का सर्वेक्षण किया जाना आवश्यक है। सहायक आयुक्त एवं अधिशासी अभियंता को अभी से इस ओर ध्यान देना चाहिए। इस अवसर पर पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी इस वर्ष भूजल स्तर बढ़ाने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए। निजी और सार्वजनिक कुओं की सफाई और उपयोग के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने वर्षा जल निकासी नालियों की सफाई के लिए भी उपाय सुझाए तथा यह सुनिश्चित करने को कहा कि पानी नालियों से होकर न बहे बल्कि जमीन में समा जाए। नागपुर शहर में पानी की बर्बादी हो रही है। जल रिसाव को कम करने के लिए कार्य करें। जल संकट के संबंध में उपाय करने के लिए विधायकों, पूर्व पार्षदों एवं जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने के निर्देश दिए गए। नाग नदी, पोहरा नदी और पिली नदी की गहन सफाई करने तथा जिले की सीमा तक इसे गहरा करने का प्रयास करने का भी सुझाव दिया गया। संरक्षक मंत्री ने आश्वासन दिया कि आवश्यकता पड़ने पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रारंभ में, नगर आयुक्त एवं प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी ने शहर में जल संकट और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शहर टैंकर मुक्त बनने की ओर अग्रसर है। शहर में वर्तमान में 54 टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है, जबकि पिछले वर्ष इस समय 137 टैंकर सेवा में थे। धरमपेठ, नेहरूनगर और मार्गेरिटा क्षेत्र टैंकर मुक्त हो गए हैं। शहर में 860 सार्वजनिक कुएं हैं, जिनमें से 895 की सफाई हो चुकी है।
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शहर में 5080 कुएं खोदे गए हैं और इन कुओं के रखरखाव के लिए कदम उठाए गए हैं। सार्वजनिक कुओं की सफाई, खोदे गए कुओं की मरम्मत तथा अमृत प्रथम एवं द्वितीय द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। शहर में बाढ़ की स्थिति से निपटने के उपायों के तहत, क्षतिग्रस्त नाले और सुरक्षात्मक दीवार को मजबूत करने का काम चल रहा है। इनमें से 56 क्षतिग्रस्त नदी एवं नाले की दीवारों का निर्माण तथा 41 क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा, नागपुर में बहने वाली नदी की सफाई का काम भी चल रहा है और यह 31 मई तक पूरा हो जाएगा।
इस अवसर पर बोलते हुए पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शहर में बर्बाद हो रहे पानी को बचाने पर जोर दिया। यदि इस पर नियंत्रण कर लिया जाए तो गर्मियों में भी पानी की कमी नहीं होगी। इसी प्रकार, निजी कुओं और सार्वजनिक कुओं को फिर से भरने पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सौर ऊर्जा की सहायता से सार्वजनिक कुओं पर छोटी पाइप परियोजनाएं शुरू करने पर विचार किया जाना चाहिए। शहर में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का पूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि शहर में गिरने वाले पानी को अधिक से अधिक रिचार्ज करने पर जोर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कोई संकट न हो। उन्होंने कहा कि शहर में कई स्थानों पर मलबे के ढेर लगे हैं, जिससे जलभराव होता है। इसका निरीक्षण ड्रोन से किया जाना चाहिए। इसी प्रकार जिस स्थान पर पिछले वर्ष बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी। अगर हम उन सभी क्षेत्रों में जगह ढूंढ लें और वहां अभी से उपाय करें तो हमें संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस अवसर पर पूर्व नागपुर के विधायक कृष्णा खोपड़े ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया। उपायुक्त मिलिंद मेश्राम, अशोक गराटे, प्रकाश वराडे, डॉ. गजेन्द्र महल्ले, डॉ. रंजना लाडे, गणेश राठौड़, अग्निशमन प्रमुख बी.पी. चंदनखेड़े सहित सभी जोन के सहायक आयुक्त एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।