रोहित पवार (Image- Social Media)
Nashik News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में हर दिन आठ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार अंदरूनी कलह और गुटबाजी में व्यस्त है। पवार ने आरोप लगाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर के साथ देवेंद्र फडणवीस के विज्ञापन इसलिए दिए जा रहे हैं ताकि मराठा आरक्षण के फैसले का श्रेय शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और राकांपा (अजित पवार गुट) के नेताओं को न मिले।
रोहित पवार रविवार को नाशिक में थे, जहां उन्होंने 14 और 15 सितंबर को होने वाले किसानों के प्रदर्शन की तैयारियों का जायजा लिया। इस प्रदर्शन में शरद पवार भी शामिल होंगे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अखबारों और टीवी चैनलों पर फडणवीस के विज्ञापन छाए हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि ये विज्ञापन फडणवीस ने खुद नहीं दिए होंगे, बल्कि उनके मित्र दल के किसी मंत्री ने उन्हें खुश करने के लिए दिए हैं।
पवार ने फडणवीस पर अन्य पार्टियों के नेताओं को बचाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि जब भी भाजपा के अलावा किसी अन्य पार्टी के नेता पर आरोप लगते हैं, तो वे फडणवीस से मिलते हैं और फडणवीस उन्हें कहते हैं, डरो मत, मैं तुम्हारे साथ हूं। उन्होंने मंत्री संजय शिरसाट का उदाहरण देते हुए कहा कि सबूत देने के बावजूद फडणवीस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
रोहित पवार ने राज्य की सड़कों की खराब हालत पर भी चिंता जताई और कहा कि एक तरफ सड़कें गड्ढों से भरी हैं, वहीं दूसरी तरफ ‘शक्तिपीठ मार्ग’ जैसे महंगे प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं, जिनकी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पैसा नहीं है, फिर भी वह बड़े प्रोजेक्ट्स पर खर्च कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बड़े ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए दोगुना खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और गुजरात के ठेकेदारों को काम दिया जा रहा है और मलिदा (रिश्वत) होटलों में बांटा जा रहा है, जबकि छोटे और मराठी ठेकेदारों को काम नहीं मिल रहा है।
पवार ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार को पता था कि मुंबई में आंदोलन होगा, लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी। सरकार ने प्रदर्शनकारियों को आजाद मैदान आने दिया, लेकिन वहां कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब ओबीसी और मराठा मंत्री समिति में थे, तो अब विवाद क्यों हो रहा है?
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पवार ने आरोप लगाया कि सरकार मराठा और ओबीसी के बीच विवाद खड़ा करके इसका फायदा उठाना चाहती है। उन्होंने पूछा कि मराठा आरक्षण पर आम सहमति वाला फैसला लोकसभा चुनाव से पहले क्यों नहीं लिया गया और ओबीसी उप-समिति क्यों बनाई गई? पवार ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार स्थानीय निकाय चुनावों से पहले ओबीसी और मराठा के बीच विवाद पैदा करना चाहती है।