राज ठाकरे,उद्धव ठाकरे (pic credit; social media)
Maharashtra Municipal Elections: महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ संभावित गठबंधन की तैयारी में हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना का हालिया प्रदर्शन कमजोर रहा है।
पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी महज 20 सीटों पर सिमट गई थी। कई पूर्व पार्षद और नेता उद्धव के साथ नहीं रहे, जिससे मराठी वोटों को एकजुट करने के लिए राज ठाकरे का समर्थन लेना जरूरी हो गया है।
हाल ही में उद्धव और राज ने कई मंच साझा किए हैं और निजी मुलाकातें भी की हैं। स्कूलों में भाषा नीति के खिलाफ दोनों ने एकजुट विरोध किया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की सरकार ने इस नीति से जुड़ा सरकारी आदेश वापस लिया, जिसके बाद उद्धव और राज ने वलीं में एक संयुक्त विजय रैली आयोजित की। इस रैली में दोनों के बेटे, आदित्य और अमित, भी मौजूद थे। मंच पर दोनों पक्षों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच दिखी आत्मीयता ने पारिवारिक और राजनीतिक संबंधों में सुधार की उम्मीद जगाई।
इसके बाद राज ने उद्धव को जन्मदिन की बधाई देने मातोश्री का दौरा किया और अगस्त में उद्धव का परिवार गणपति उत्सव मनाने राज के शिवतीर्थ पहुंचा। राज ने कहा कि वह मराठी पहचान और महाराष्ट्र के कल्याण के लिए सब कुछ भूलने को तैयार हैं।
मनसे प्रमुख ने संकेत दिए कि दोनों के बीच पुराने मतभेद दूर हो रहे हैं। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी यह स्वीकार किया कि बाहरी विवाद समाप्ति की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि पार्टी कमजोर होने के कारण उद्धव को राज के समर्थन की जरूरत है।
राज ठाकरे का पलड़ा महाराष्ट्र में मराठी वोटों के लिए अब भारी माना जा रहा है। मनसे सूत्रों के अनुसार, दोनों दल भविष्य में गठबंधन के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। नगर निकाय चुनावों से पहले यह गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है।