नांदेड़ जिला परिषद (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nanded Zilla Parishad Reservation News: नांदेड़ जिला परिषद अध्यक्ष और पंचायत समिति अध्यक्ष के लिए आरक्षण घोषित कर दिया गया है। इस बार अध्यक्ष का पद पिछड़े वर्ग (महिला) यानी ओबीसी महिला के लिए तय किया गया है। इससे पहले अध्यक्ष पद के लिए तैयारी कर रहे कई उम्मीदवारों की उम्मीदें टूट गईं। अब ओबीसी वर्ग के नेता अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।
जिला परिषद समूहों के लिए आरक्षण का ड्रा अभी घोषित नहीं हुआ है। यह भी साफ नहीं है कि नया ड्रा होगा या पिछला ही लागू रहेगा। लेकिन अध्यक्ष पद का आरक्षण तय होते ही सभी राजनीतिक दलों के ओबीसी नेता सक्रिय हो गए हैं।
अगले एक-दो महीनों में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव होने की संभावना है। ग्रामीण इलाके के नेता अब ज्यादा सक्रिय हो गए हैं और हर कार्यक्रम में भाग लेने लगे हैं। चुनाव की तैयारी में पैसा भी खर्च होना शुरू हो गया है।
नांदेड़ जिला परिषद में पहले 63 समूह थे, हाल ही में 2 नए समूह जोड़े गए हैं। इससे पहले ओबीसी वर्ग से संभाजी धुलगंडे, बाबाराव एंबडवार और वैशाली चव्हाण अध्यक्ष रह चुके हैं।
ओबीसी महिला के लिए आरक्षण घोषित होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या मराठा समाज के नेता भी इस चुनाव में हिस्सा ले पाएंगे? सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर कदम तो उठाए हैं, लेकिन यह साफ नहीं किया कि पूरे मराठा समाज को ओबीसी में जगह मिलेगी या नहीं। इसलिए मराठा नेताओं का भविष्य फिलहाल अधर में है।
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जन सुरक्षा विधेयक के विरोध में महाविकास आघाड़ी ने नांदेड़ में आंदोलन किया। इस दौरान कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (सपा) और शिवसेना (उभाठा गट) के नेता पहली बार एक साथ मंच पर दिखे। आमतौर पर ये तीनों दल अलग-अलग नजर आते हैं।
12 सितंबर को सांसद अशोक चव्हाण ने जिला कलेक्टर कार्यालय में बैठक की और कई मुद्दों पर चर्चा की। वहीं विधायक प्रतापराव पा. चिखलीकर ने एनसीपी के प्रतिनिधिमंडल के साथ कलेक्टर से मुलाकात की और बाढ़ पीड़ितों के लिए विशेष पैकेज की मांग की। इन बैठकों की जिले के राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा रही।