दुबई में संयुक्त महाराष्ट्र (pic credit; social media)
Marathi unity resounded in Dubai: दुबई में रहने वाले मराठी समुदाय को एकजुट करने की दिशा में ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ पहल ने जोर पकड़ लिया है। करीब 4 लाख प्रवासी मराठियों को जोड़ने के लिए इंडियन पीपल्स फोरम (महाराष्ट्र काउंसिल) ने ठोस कदम बढ़ाते हुए 7 सितंबर को करामा स्थित होटल पेशवा में पहली त्रैमासिक बैठक आयोजित की।
इस बैठक में 35 मराठी संगठन और समूह शामिल हुए, जिनमें गल्फ महाराष्ट्र बिजनेस फोरम और महाराष्ट्र मंडल दुबई जैसे बड़े नाम भी मौजूद रहे। बैठक का मकसद सिर्फ एकजुटता नहीं बल्कि मराठी संस्कृति को दुनिया भर में नई पहचान दिलाना है।
बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। सबसे बड़ी पहल थी प्रवासी बच्चों के लिए वैश्विक मराठी भाषा पाठ्यक्रम बनाने की। यह पाठ्यक्रम बच्चों को अपनी मातृभाषा और संस्कृति से जुड़े रहने में मदद करेगा। इसके अलावा सामुदायिक कार्यक्रमों के लिए एक स्थायी स्थल की जरूरत पर भी जोर दिया गया, ताकि मराठी समाज को हर कार्यक्रम के लिए अलग-अलग जगह पर भटकना न पड़े।
यही नहीं, दिसंबर 2025 में नाशिक में होने वाले मराठी विश्व सम्मेलन में यूएई प्रवासी मराठियों का प्रतिनिधिमंडल भेजने पर भी सहमति बनी। इस कदम से यह साफ हो गया कि ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ पहल सिर्फ खाड़ी देशों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह महाराष्ट्र और दुनिया भर के मराठियों को एक सूत्र में बांधने का काम करेगी।
बैठक में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अब मराठी समाज की आवाज पहले से ज्यादा बुलंद होगी। प्रवासी मराठी न केवल आर्थिक क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ेंगे।
‘संयुक्त महाराष्ट्र’ मंच का उद्देश्य मराठी भाषा, संस्कृति और परंपराओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। इसमें शिक्षा, बिजनेस नेटवर्किंग और सामुदायिक सहयोग जैसे पहलुओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
दुबई में शुरू हुई यह पहल आने वाले समय में खाड़ी देशों के साथ-साथ यूरोप, अमेरिका और एशिया के अन्य हिस्सों तक भी फैल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो दुनिया भर के मराठी एक नए, बड़े और सशक्त मंच पर एकजुट नजर आएंगे।