कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (pic credit; social media)
Mumbai News: महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को लेकर मंगलवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा और इसे ‘‘नाकाफी” बताया। विपक्षी दलों ने प्रभावित किसानों के लिए ठोस पुनर्वास योजना की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि बाढ़ राहत राशि किसानों की पीड़ा का मजाक है।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने इसे ‘‘धोखे की योजना” बताते हुए कहा कि यह किसानों के जख्मों पर नमक रगड़ने वाला पैकेज है, क्योंकि यह किसानों को ‘‘ऋण के जाल में और धकेलेगा।” सितंबर में भारी वर्षा और बाढ़ से मराठवाड़ा और आसपास के क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए और राज्य भर में 68.69 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगी फसलें नष्ट हो गईं।
बीड, छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़, यवतमाल, लातूर, सोलापुर, धाराशिव, जालना, परभणी, बुलढाणा, हिंगोली, नासिक सहित कई जिलों में फसलों को गंभीर नुकसान हुआ। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए मंगलवार को 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजे के पैकेज की घोषणा की।
फडणवीस ने कहा कि भारी बारिश के कारण 36 में से 29 जिले और 253 तालुके प्रभावित हुए हैं। सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज में फसल नुकसान, मिट्टी के कटाव, घायलों के इलाज, मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा, घरों, दुकानों और पशु शेड को हुए नुकसान की भरपाई जैसी कई सहायता शामिल हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘महायुति सरकार किसानों का मजाक उड़ा रही है।
इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक 781 किसानों ने आत्महत्या करके जान गंवाई। पिछले 15 दिनों की भारी बारिश में, 74 और किसानों की जानें गईं। फिर भी सार्थक सहायता देने के बजाय, सरकार ने आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए हैं तथा खोखला पैकेज पेश किया है।” कांग्रेस नेता ने बताया कि राज्य भर के किसानों ने अपनी जमीन, पशुधन और आजीविका के साधन खो दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में, उन्हें प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये के मुआवजे की उम्मीद थी, लेकिन एनडीआरएफ मानदंडों के तहत घोषित सहायता उन लोगों के जीवन को फिर से पटरी पर लाने में मदद के लिए बहुत कम है। यह उन्हें और अधिक बर्बाद कर देगा।” वडेट्टीवार ने सवाल उठाया कि जब पंजाब जैसे राज्य ने बिना किसी केंद्रीय मदद के अपनी तरफ से प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये तक की सहायता दी है, तो महाराष्ट्र जैसा समृद्ध राज्य ऐसी आर्थिक मदद क्यों नहीं दे सकता?
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उन्होंने पूछा, ‘‘क्या क्षतिपूर्ति राशि दिवाली से पहले वितरित की जाएगी? पहले से ही संकट से जूझ रहे भूमिहीन कृषि मजदूरों को क्या सहायता मिलेगी?” कांग्रेस नेता ने सरकार को एक व्यापक कृषि ऋण छूट के अपने चुनावी वादे की भी याद दिलाई।