पानी की बर्बादी पर लगाम कसने की तैयारी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: नागपुर महानगरपालिका और ऑरेंज सिटी वाटर के संयुक्त प्रयासों के कारण सिटी की जलापूर्ति प्रणाली में होने वाले नुकसान (नॉन-रेवेन्यू वाटर) में एक महत्वपूर्ण और लक्षणीय कमी दर्ज की गई है। नियोजित और लगातार उपायों के परिणामस्वरूप एनआरडब्ल्यू जो 2024 में 40 प्रतिशत था वह अगस्त 2025 में घटकर 28।89 प्रतिशत रह गया है। यह कमी 2025 तक 29 प्रतिशत से कम के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। यह उल्लेखनीय परिवर्तन भौतिक घाटा और व्यावसायिक घाटा दोनों पर प्रभावी नियंत्रण लाने से संभव हुआ है।
बताया जाता है कि भौतिक नुकसान को कम करने के लिए ओसीडब्ल्यू ने रीन्यूअल एंड रिप्लेसमेंट (R&R) कार्यक्रम के तहत पूरे शहर में बड़े पैमाने पर पाइपलाइन बदलने का काम हाथ में लिया है। शहर की कई पुरानी पाइपलाइनें दशकों पहले डाली गई थीं जो अब जीर्ण-शीर्ण हो चुकी थीं और पानी की क्षति का कारण बन रही थीं। कंपनी के R&R उपक्रमों और एनएमसी की अमृत जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जल वितरण नेटवर्क को नई पाइपलाइन का नेटवर्क ठीक किया गया है।
इसके अलावा जिन क्षेत्रों में पुरानी पाइपलाइनें नये नेटवर्क के साथ समानांतर रूप से कार्यरत थीं वे पानी के रिसाव और दूषित पानी का खतरा पैदा कर रही थीं। एक विस्तृत नेटवर्क सर्वे और मैपिंग के माध्यम से 120 किमी से अधिक दोहरी या समानांतर पाइपलाइनें पहचानी गईं जिनमें से अब तक 100 किमी से अधिक पाइपलाइनें हटा दी गई हैं।
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व्यावसायिक नुकसान को कम करने के उद्देश्य से एनएमसी और ओसीडब्ल्यू ने डिस्कनेक्शन ड्राइव शुरू की है। इस अभियान के तहत पानी की चोरी को रोकने, मीटरिंग में मौजूद दोषों को दूर करने और दोहरी व अवैध नल कनेक्शन को हटाने पर जोर दिया गया। तिमाही बिलिंग को मासिक बिलिंग में स्थानांतरित करने से मीटरिंग त्रुटियां कम हुईं और बिलिंग दक्षता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ। अत्याधुनिक रोबोकॅम तकनीक का उपयोग करके पाइपलाइन के भीतर बड़े पैमाने पर जांच की जा रही है। इस उपकरण की मदद से समानांतर कनेक्शन और अनधिकृत सर्विस लाइनें सटीकता से खोजी जाती हैं जिससे मरम्मत के समय नागरिकों को कम से कम परेशानी होती है।