मुंबई प्रेस क्लब (pic credit; social media)
Maharashtra News: मराठा आरक्षण आंदोलन की आड़ में पत्रकारों और आम कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन में महिला पत्रकारों और अन्य मीडिया कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने आए हैं। पत्रकारों ने आरोप लगाया कि आंदोलन स्थल पर उत्पीड़न और बदसलूकी की गई।
इस घटना को लेकर मुंबई प्रेस क्लब ने कड़ी नाराजगी जताई है। प्रेस क्लब की ओर से जरांगे पाटिल को ज्ञापन सौंपकर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। प्रेस क्लब ने साफ कहा है कि पत्रकार लोकतंत्र की आवाज़ हैं और उनके साथ किसी भी तरह का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, जरांगे और उनकी टीम से अनुशासन बनाए रखने, जवाबदेही तय करने और पत्रकारों की सुरक्षा व सम्मान सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
इसे भी पढ़ें- BMC का पलटवार; जरांगे के सारे आरोप झूठे, आजाद मैदान पर हर सुविधा मौजूद
उधर, मराठा आंदोलन का असर अब दक्षिण मुंबई के कारोबार पर साफ नजर आने लगा है। फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विरेन शाह ने कहा कि आंदोलन के चलते दक्षिण मुंबई पूरी तरह ठप पड़ गई है। दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और वीकेंड सेल तक बुरी तरह प्रभावित हुई है।
शाह का कहना है कि आंदोलन के कारण ट्रैफिक जाम से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ा है। छोटे व्यापारियों और दुकानदारों की कमाई आधी रह गई है, वहीं ग्राहक भी बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात लंबे समय तक ऐसे ही बने रहे तो दक्षिण मुंबई के व्यापार और रोजगार को दीर्घकालीन नुकसान झेलना पड़ेगा।
व्यापारियों ने राज्य सरकार से अपील की है कि तुरंत बातचीत कर समाधान निकाला जाए। उनका कहना है कि आंदोलन लंबा खिंचने से न सिर्फ अर्थव्यवस्था पर असर होगा बल्कि रोजगार पर भी संकट खड़ा हो सकता है।