मराठा आंदोलन (pic credit; social media)
Maharashtra News: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल का आमरण अनशन अब सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है। आजाद मैदान पर चल रहे इस आंदोलन ने मुंबई और एमएमआर क्षेत्र की रफ्तार रोक दी है। गणेशोत्सव के बीच लाखों आंदोलनकारी मुंबई पहुंच गए हैं, जिससे सीएसएमटी स्टेशन और आस-पास के इलाके ठप हो गए हैं। रविवार को ही जाम और भीड़ की झलक मिल गई थी और सोमवार को कामकाजी दिन शुरू होते ही हालात और बिगड़ गए।
जरांगे पाटिल ने चौथे दिन से पानी भी छोड़ने का एलान किया है। उनका कहना है कि जब तक ओबीसी कोटे से मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जाता, वे मुंबई नहीं छोड़ेंगे। इस ऐलान के बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया है। लोकल ट्रेनें, BEST बसें और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हैं। कई रूट बदल दिए गए हैं और शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम लगा हुआ है। दादर चौपाटी, गेटवे ऑफ इंडिया और मरीन ड्राइव जैसे पर्यटन स्थलों पर भी आंदोलनकारियों की भीड़ उमड़ आई है।
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राज्य सरकार ने समाधान तलाशने के लिए कैबिनेट उपसमिति की बैठक बुलाई थी, लेकिन उससे कोई नतीजा नहीं निकला। इससे नाराज जरांगे ने पानी त्यागने का फैसला किया। वहीं, ओबीसी नेताओं ने भी चेतावनी दी है कि उनके कोटे में दखल हुआ तो पूरा ओबीसी समुदाय सड़कों पर उतर जाएगा। इससे सरकार दोहरे संकट में फंसती दिखाई दे रही है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। बीएमसी ने आंदोलनकारियों के लिए 25 टैंकर पानी और 300 से ज्यादा मोबाइल शौचालय की व्यवस्था की है। सफाई के लिए करीब 800 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। बावजूद इसके, प्रशासन और पुलिस कानून व्यवस्था को लेकर सकते में हैं।
जरांगे पाटिल को रविवार शाम तक की अनुमति थी, लेकिन पुलिस ने एक दिन और बढ़ा दी है। अब सोमवार को भी आंदोलन जारी रहेगा और इसके चलते मुंबईकरों की मुश्किलें और बढ़ेंगी।