मनोज जरांगे (pic credit; social media)
Maharashtra News: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने हाल ही में गंभीर आरोप लगाए थे कि आंदोलनकारियों के लिए शौचालय, पानी और खाने-पीने की सुविधाएं बंद करा दी गई हैं। लेकिन मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। बीएमसी का कहना है कि आजाद मैदान और आसपास के इलाकों में प्रदर्शनकारियों के लिए हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
बीएमसी प्रशासन ने बताया कि ‘भुगतान करो और उपयोग करो’ सिद्धांत पर चलने वाले सार्वजनिक शौचालय आंदोलनकारियों के लिए पूरी तरह मुफ्त कर दिए गए हैं। मैदान के अंदर 29 शौचालय बनाए गए हैं। इसके अलावा महात्मा गांधी मार्ग पर 10-10 सीट वाले 3 मोबाइल शौचालय, मेट्रो साइट के पास 12 पोर्टेबल शौचालय और अतिरिक्त शौचालयों की भी व्यवस्था की गई है।
पानी की सुविधा के लिए कुल 6 टैंकर लगाए गए हैं और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त टैंकर भी भेजे जा रहे हैं। बारिश से मैदान में कीचड़ भर गया था, जिसे हटाकर रास्ते को समतल किया गया है और दो ट्रक बजरी डालकर पहुंच मार्ग को दुरुस्त किया गया है।
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प्रदर्शनकारियों के लिए मेडिकल सहायता केंद्र खोला गया है, जहां डॉक्टर मौजूद हैं। साथ ही 108 एम्बुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई गई है। मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग और कीटनाशकों का छिड़काव किया गया है। साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं।
दूसरी ओर, जरांगे पाटिल का कहना है कि आंदोलनकारियों को दाना-पानी से वंचित किया जा रहा है और खाऊ गलियों की दुकानों को जबरन बंद कराया गया है। एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने भी सरकार पर सामाजिक संगठनों की मदद रोकने के आरोप लगाए।
हालांकि जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि राज्य सरकार ने किसी दुकान, होटल या शौचालय को बंद करने का आदेश नहीं दिया है। सरकार और बीएमसी दोनों का दावा है कि आंदोलनकारियों की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।