नागपुर में ट्रंप का निकला बडगया (सौजन्य-IANS)
वॉशिंगटन/नागपुर: सदियों पुराना मारबत उत्सव हर साल भाद्रपद माह में अनूठी सांस्कृतिक परंपरा के साथ नागपुर में मनाया जाता है। अपनी जीवंत परेड और तीखी सामाजिक टिप्पणियों के लिए प्रसिद्ध यह उत्सव हजारों लोगों को आकर्षित करता है। इस बार मारबत उत्सव के दौरान लोगों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का विशाल पुतला निकाला।
यह अमेरिकी सरकार की ओर से भारतीय सामानों पर ‘रूसी तेल खरीद’ के नाम पर थोपे गए 50 प्रतिशत टैरिफ का प्रतीकात्मक विरोध था। इस उत्सव में लोगों ने तख्तियों पर ट्रंप विरोधी संदेश भी लिखे। अब इसी उत्सव का जिक्र कर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारतीयों के साथ हुई ‘दगाबाजी’ का जिक्र किया है।
मारबत जुलूस में राक्षसों और नकारात्मक गुणों के प्रतीक बड़ग्या कहलाने वाले छोटे पुतले भी चलते हैं। नारों, संगीत और पारंपरिक मंत्रोच्चार के बीच यह परेड शहर भर में घूमकर पुतलों के दहन के साथ समाप्त होती है, जो बुराई के अंत और अच्छाई की जीत का प्रतीक है। अक्सर इस उत्सव के माध्यम से विभिन्न सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों को उठाया जाता है।
इस बीच शनिवार देर रात प्रेस ब्रीफिंग में व्हाइट हाउस में प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने शहर में हत्याओं की संख्या की तुलना इस्लामाबाद और दिल्ली से की। लेविट ने कहा, ‘शिकागो की हत्या दर इस्लामाबाद से दोगुनी से भी ज्यादा और दिल्ली से लगभग 15 गुना अधिक है।’ उन्होंने तर्क दिया कि ये आंकड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश की तत्काल जरूरत को उजागर करते हैं, जो शहर में ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ के मुद्दों से निपटने के लिए नेशनल गार्ड को अधिकृत करता है।
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न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कुछ हिस्सों में ट्रंप को ‘राष्ट्रीय अपमान के स्रोत’ के रूप में देखा जा है। और पिछले सप्ताह महाराष्ट्र राज्य में एक उत्सव के दौरान ट्रंप का एक विशाल पुतला घुमाया गया, जिस पर उन्हें पीठ में छुरा घोंपने वाला दगाबाज बताया गया था। समाचार के मुताबिक अमेरिका ने भारत के साथ व्यवहार में एक बड़ी रणनीतिक भूल की है।