
महारेरा (फोटो: गूगल)
मुंबई. महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) ने डेवलपर्स के लिए हर वित्तीय वर्ष के अंत में गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण पत्र जमा करना और उसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य घर खरीदारों को बेहतर गुणवत्ता वाले घर उपलब्ध कराना और डेवलपर्स की जवाबदेही को बढ़ाना है। इस नियम को महारेरा जनरल रेगुलेशन 2017 में संशोधन के रूप में लागू किया गया है, जो अब सभी डेवलपर्स पर लागू है। लेकिन डेवलपर्स को अपनी परियोजना की गुणवत्ता को खुद प्रमाणित करना होगा।
महारेरा का मानना है कि इस कदम से निर्माण की गुणवत्ता में सुधार होगा और घर खरीदारों को अच्छी गुणवत्ता वाले घर मिल सकेंगे, जिससे उन्हें समस्याओं को ठीक करने के लिए डेवलपर्स के पीछे भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे प्रमोटर की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी और घर खरीदारों को बेहतर गुणवत्ता वाले घर पाने में मदद मिलेगी।
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किसी भी आवास परियोजना की गुणवत्ता उसकी संरचना अवधारणा, स्थिरता, परीक्षण और उस परियोजना में उपयोग की जाने वाली विभिन्न प्रकार की सामग्रियों, परियोजना के निर्माण में शामिल कारीगरों, जनशक्ति के कौशल, अग्नि सुरक्षा, आग से बचाव के उपाय आदि पर निर्भर करती है। यदि प्रमोटर हर स्तर पर इस बात का सख्ती से ध्यान रखता है तो इससे प्रोजेक्ट की गुणवत्ता अच्छी रहती है। प्रत्येक प्रमोटर का दावा है कि उसका प्रोजेक्ट हर मामले में सर्वश्रेष्ठ है। लेकिन अब से डेवलपर्स को हर साल महारेरा के जरिए अपने ग्राहकों को ऐसी गारंटी देनी होगी।
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महारेरा के अध्यक्ष अजोय मेहता ने कहा कि आवास क्षेत्र में गुणवत्ता लगातार बहस और चिंता का विषय बनी हुई है। महारेरा का प्रयास है कि नई परियोजनाओं में घरों के वास्तविक कब्जे के बाद किसी भी दोष को ठीक करने के लिए अनुग्रह अवधि प्रावधानों की आवश्यकता को खत्म करना है। दिसंबर से महारेरा यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ प्रारंभिक पैरामीटर निर्धारित करने का प्रयास कर रहा है कि निर्माण गुणवत्ता के साथ किया जाए। फिलहाल ड्राफ्ट की घोषणा की गई है और इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है।






