मुंबई: महारेरा ने महाराष्ट्र के 628 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर कड़ा एक्शन लेते हुए उन पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बताया जा रहा है कि परियोजनाओं के मालिकों नें महारेरा के दिशानिर्देश का उल्लंघन किया, क्योंकि उन्होंने अपनी एडवरटाइजिंग में रेरा पंजीकरण संख्या और क्यूआर कोड को प्रकाशित नहीं किया है। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
बताया जा रहा हा कि इस कार्रवाई से अब तक 72.35 लाख रुपये वसूले जा चुके हैं। मुंबई क्षेत्र में 312 परियोजनाओं पर 54.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से अब तक 41.50 लाख रुपये वसूल किए जा चुके हैं। वहीं, पुणे क्षेत्र में 250 परियोजनाओं पर 28.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से अब 24. 75 लाख रुपये वसूले गए हैं। जबकि, नागपुर क्षेत्र में 66 परियोजनाओं पर 6.35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और 6.10 लाख रुपये वसूल किए गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाने के लिए रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 को लागू किया था और इसके तहत महारेरा का गठन किया था। इसके बावजूद, डेवलपर्स नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और बिना पंजीकरण संख्या और क्यूआर कोड के एडवरटाइजिंग दे रहे हैं। महारेरा ने इस मामले में भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) की मदद भी ली है। हालांकि ASCI के सहयोग से उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करने में मदद मिली है, लेकिन यह चिंताजनक है कि सोशल मीडिया पर उल्लंघन की दर काफी अधिक है। महारेरा ने अगस्त 2023 से डेवलपर्स के लिए परियोजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करना अनिवार्य कर दिया है।
महारेरा अध्यक्ष अजोय मेहता ने कहा कि कोई भी हाउसिंग प्रोजेक्ट प्रमोटर तब तक अपने प्रोजेक्ट का विज्ञापन नहीं कर सकता, जब तक उसके पास महारेरा पंजीकरण संख्या न हो। इसके अलावा महारेरा ने 1 अगस्त से ऐसे विज्ञापनों के साथ क्यूआर कोड प्रिंट करना भी अनिवार्य कर दिया है ताकि घर खरीदारों को प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण जानकारी एक क्लिक में मिल सके। इसके बावजूद कुछ प्रोजेक्ट प्रमोटर इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं, जिन पर अब दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।