अजित पवार, CM फडणवीस (Image- Social Media)
Mumbai News: बालू का अवैध उत्खनन रोकने गई आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा वी।एस। को अपने पद की धौंस दिखाकर रोकने का प्रयास करना उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को भारी पड़ने लगा। महिला आईपीएस से फोन पर हुए संवाद का वीडियो वायरल होने से आम जनता में जहां डीसीएम अजीत की कड़े प्रशासक की छवि खराब हुई है। वहीं अब कहा जा रहा है कि उक्त प्रकरण की वजह से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उनसे नाराज हो गए हैं। सूत्रों का दावा है कि अजीत को महायुति में लेने की वजह से पहले ही किरकिरी झेल रहे सीएम देवेंद्र, आईपीएस प्रकरण के बाद उनसे दूरी बनाने लगे हैं।
सोलापुर के माढा तालुका अंतर्गत कुर्दु गांव में चल रहे मोरंग बालू के अवैध खनन काम के खिलाफ पुलिस उपाधीक्षक अंजना कृष्णा की कार्रवाई को महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी डी. शिवानंदन और जिला कलेक्टर कुमार आशीर्वाद पहले सही ठहरा चुके हैं। लेकिन अब अंजना कृष्णा को अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी समर्थन मिल गया है। बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो को स्वयं संज्ञान में लेते हुए सीएम देवेंद्र ने अजीत से संपर्क करके स्पष्ट तौर पर नाराजगी व्यक्त की। इतना ही नहीं उन्होंने महिला आईपीएस को पूरा सहयोग और समर्थन देने की बात भी कही है।
मंगलवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अवैध खनन के उक्त मामले में जरूरी कार्रवाई पुलिस कर चुकी है। वैसे इस मामले की पूरी रिपोर्ट अभी मेरे पास नहीं आई है। मैं जिला कलेक्टर से रिपोर्ट तलब करूंगा। लेकिन उन्होंने ये भी याद दिलाया कि इस मामले में अजीत पहले ही स्पष्टीकरण दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि कई बार हमें दूसरे पक्ष के बारे में पता ही नहीं चलता है। कोई ज्ञापन मिलते ही हम उस लिख देते हैं कि उचित कार्रवाई करें लेकिन बाद में ज्ञापन में दिए गए तथ्यों और वास्तविक तथ्यों में बहुत अंतर सामने आता है।
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महिला आईपीएस से विवाद मामले में सफाई देने के बाद भी अजीत को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। उनके अपने भतीजे युगेंद्र पवार ने चाचा के बर्ताव पर हैरानी व्यक्त की है। शरद पवार की राकां के युवा नेता ने मंगलवार को बारामती में एक जनता दरबार के बाद कहा कि अजीत की उक्त बातचीत का तरीका किसी को भी पसंद नहीं आएगा। उस पर वह एक महिला और आईपीएस अधिकारी हैं। आपको सोचना चाहिए कि आप क्या कह रहे हैं? आप ऐसा क्यों कह रहे हैं, जो हुआ वह गलत था।