
सुरेंद्र पठारे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Surendra Pathare Joins BJP: पुणे शहर के पूर्वी हिस्से में प्रभावशाली नेता के रूप में पहचान बना चुके सुरेंद्र पठारे ने आखिरकार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। उनके बीजेपी में शामिल होने को पूर्वी पुणे की राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस कदम से न केवल सुरेंद्र पठारे को संगठनात्मक स्तर पर मजबूती मिलेगी, बल्कि पूर्वी पुणे में बीजेपी की पकड़ भी और मजबूत होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सुरेंद्र पठारे की बीजेपी में एंट्री का असर आने वाले नगर निगम चुनावों पर साफ दिखाई दे सकता है। पूर्वी पुणे के लोहगाँव, वाघोली, खराड़ी और चंदन नगर जैसे तेजी से विकसित हो रहे इलाकों में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। इन क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं, ट्रैफिक, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और नियोजित विकास जैसे मुद्दे लगातार चर्चा में रहते हैं। ऐसे में, सुरेंद्र पठारे की भूमिका भविष्य की पुणे विकास राजनीति में निर्णायक साबित हो सकती है।
सुरेंद्र पठारे के बीजेपी में शामिल होने से पुणे में ‘टीम देवेंद्र’ के मजबूत होने की भी चर्चा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक दूरदर्शी और विकास-उन्मुख नेता के रूप में देखा जाता है। आचार संहिता लागू होने से पहले पुणे में करीब 3000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन इसी सोच का उदाहरण माना जाता है। उस दौरान मुख्यमंत्री ने पुणे को केवल सांस्कृतिक ही नहीं, बल्कि टेक-सेवी और ग्लोबल सिटी के रूप में विकसित करने की बात कही थी। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इस विजन को जमीन पर उतारने के लिए सुरेंद्र पठारे जैसे नेताओं की भूमिका अहम हो सकती है।
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एक साल पहले हुए विधानसभा चुनावों में बापूसाहेब पठारे की जीत में सुरेंद्र पठारे की भूमिका को अहम माना जाता है। चुनावी रणनीति, जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय और प्रभावी प्रचार अभियान ने उनकी संगठनात्मक क्षमता को उजागर किया था। इसी प्रदर्शन के बाद कई वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की नजर उन पर गई थी। तभी से उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में चल रही थीं, जो अब साकार हुई हैं।
सुरेंद्र पठारे की पहचान सिर्फ एक राजनीतिक नेता तक सीमित नहीं है। उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित COEP कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और वे गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। शहरी विकास, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बुनियादी सुविधाओं जैसे विषयों पर उन्होंने पहले भी कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किए हैं, जिन्हें पूर्वी पुणे के नागरिकों से अच्छा प्रतिसाद मिला। यही वजह है कि उनके बीजेपी में शामिल होने को विकास की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।






