बीएमसी (pic credit; social media)
Mumbai Green Survey 2025: बीएमसी ने शहर के हरित क्षेत्रों का विस्तृत मूल्यांकन कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उद्यान विभाग ने इस कार्य के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। इस मूल्यांकन में पहली बार मुंबई के पेड़ों की जनगणना (ट्री सेंसेस) भी शामिल होगी।
शहर में पेड़ों की गणना आम तौर पर हर पांच साल में होती है, लेकिन पिछली गणना 2018 में हुई थी। सात साल बाद होने वाला यह नया सर्वे शहर में बची हरियाली की सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा और तेजी से बढ़ रहे शहरी विकास के प्रभाव को समझने में मदद करेगा।
मुंबई का कुल क्षेत्रफल 476.24 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस क्षेत्र में कितने हिस्से में हरियाली बची है। वर्षों से निर्माण और अवसंरचना परियोजनाओं के लिए कई पेड़ काटे गए हैं। पर्यावरणविदों ने चिंता जताई है कि शहर तेजी से कंक्रीट के जंगल में बदल रहा है और प्राकृतिक हरियाली घट रही है।
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इस मूल्यांकन से मनपा को न केवल मौजूदा हरित क्षेत्रों की सही स्थिति का पता चलेगा बल्कि भविष्य की शहरी योजना और हरित नीतियों के लिए मार्गदर्शन भी मिलेगा। उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारें अक्सर शहर के हरित क्षेत्रों के आंकड़े मांगती हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों में कोई व्यापक और सटीक डेटा उपलब्ध नहीं था।
मनपा का उद्देश्य इस सर्वे के माध्यम से न केवल पेड़ों की संख्या और उनकी स्थिति को समझना है बल्कि यह भी जानना है कि कौन-से इलाके में हरियाली को बचाना और बढ़ाना सबसे आवश्यक है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम शहर के पर्यावरण और नागरिकों की गुणवत्ता जीवन दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। यह सर्वे नगरवासियों, योजनाकारों और पर्यावरण विशेषज्ञों के लिए एक नई दिशा तय करेगा। शहर की हरियाली की सुरक्षा के लिए यह कदम समय की मांग है।