
उद्धव ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Uddhav Thackeray Statement: शिवसेना (यूबीटी) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 2019 में महाविकास आघाडी (मविआ) के गठन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ किया कि शिवसेना कांग्रेस के साथ नहीं गई थी, बल्कि बीजेपी के विश्वासघात और धोखे के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा था।
अपने निवास ‘मातोश्री’ में शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी (अजित पवार) के पदाधिकारियों के शिवसेना (यूबीटी) में प्रवेश के मौके पर उद्धव ने कहा कि अब आरोप लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना, कांग्रेस के साथ चली गई। लेकिन सच्चाई यह है कि उस समय शिवसेना, कांग्रेस के साथ नहीं गई थी। बीजेपी ने उस वक्त विश्वासघात किया था। उन्हें सबक सिखाने के लिए हमने मविआ की स्थापना की।
उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग कांग्रेस को गालियां दे रहे थे, अब उनके पोस्टरों पर आनंद दिघे के साथ सोनिया गांधी की तस्वीर नजर आ रही है। नगरपालिका चुनावों में उनके पोस्टरों पर सोनिया गांधी की तस्वीरें लगी हैं।
उन्होंने कहा, “यह सब सत्ता के लिए लाचारी है।” इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने डीसीएम एकनाथ शिंदे और अजीत पर निशाना साधा। ठाकरे ने कहा, ‘भाजपा सीधे कह रही है कि केवल नंबर 1 को महत्व है, नंबर 2 की कोई अहमियत नहीं। आज बीजेपी के कार्यकर्ता शिवसैनिकों की पिटाई कर रहे हैं, लेकिन ये लोग कुछ नहीं कर पा रहे। इसे लाचारी नहीं तो और क्या कहेंगे?”
उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के पवित्र भगवे झंडे और मशाल (चुनाव चिन्ह) को अलग रखें। उन्होंने कहा, “भगवा झंडे पर कोई चित्र न छापें क्योंकि बीजेपी का यही दांव है। उन्होंने अपने झंडे पर हरा रंग लगाया है और भगवे पर अलग-अलग चित्र लगाकर लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं।
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उन्होंने आगे कहा, “हमारा पवित्र भगवा मशाल की तरह दिखना चाहिए। दूर से देखने पर भगवा झंडा मशाल की तरह लहराता दिखता है। छत्रपति शिवाजी महाराज, हिंदुत्व, महाराष्ट्र धर्म और शिवसेना प्रमुखों द्वारा हाथ में दी गई मशाल लेकर आगे बढ़ें। इस मशाल के तेज से सभी बाधाएं और विरोधी भस्म हो जाएंगे। ठाकरे ने ठाणे को शिवसेना का बालेकिल्ला बताते हुए शिंदे गुट से आए पदाधिकारियों से इसे सुरक्षित रखने की अपील की।






