
नागपुर निकाय चुनाव (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur Elections: नागपुर जिले की 27 नगर परिषदों व नगर पंचायतों के चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। सुबह से ही मतदाताओं की कतारें मतदान केंद्रों पर नजर आने लगी थीं। दोपहर 1.30 बजे तक 32 प्रतिशत मतदान हुआ था लेकिन उसके बाद वोटिंग में तेजी आई। दोपहर 3.30 बजे तक जिले में 45.95 फीसदी मतदान हो चुका था। उसके बाद मतदाताओं की भीड़ और बढ़ती गई।
शाम 5.30 बजे तक करीब 60 से 65 प्रतिशत मतदान का अनुमान प्रशासन द्वारा व्यक्त किया गया। 5.30 बजे के बाद भी अनेक बूथों पर मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं। इससे वोटिंग का फाइनल आंकड़ा और बढ़ने की संभावना जताई गई। पहले मतगणना व परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किया जाना था लेकिन अब 21 दिसंबर को वोटों की गिनती और परिणाम घोषित किए जाएंगे।
इसके चलते 167 नगराध्यक्ष और 2,216 सदस्य पद के उम्मीदवारों की किस्मत 19 दिनों के लिए ईवीएम में कैद हो गई है। इतने दिनों तक सभी उम्मीदवारों को नतीजों का इंतजार करना पड़ेगा।
जिले में 853 बूथों पर मतदान की व्यवस्था की गई थी। इनमें से कुछ में डबल वोटिंग की शिकायतें मिलीं तो कई बूथों पर लोगों के नाम ही नहीं मिले। कुछ प्रभागों के वोटर्स के नाम दूसरे प्रभाग में चले जाने की शिकायतें भी मिलीं। कुछ बूथों में तो हंगामा भी हुआ। कहीं-कहीं पुलिस ने तनाव की स्थिति को संभाला। कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो जिले में शांतिपूर्ण मतदान करवाने में जिला प्रशासन सफल रहा।
प्रत्येक नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में महिलाओं के लिए बनाए गए विशेष पिंक बूथ ने महिला मतदाताओं में विशेष विश्वास पैदा किया। दोपहर 3.30 बजे तक कुल 3,35,377 मतदाता वोटिंग कर चुके थे। इनमें पुरुष मतदाता 1,68,378, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1,66,999 थी।
सुबह 7.30 से 9.30 बजे तक 7.95 प्रतिशत मतदान हुआ था। उमरेड नगर परिषद चुनाव के लिए डॉ. बाबासाहब आंबेडकर भवन में तैयार किए गए पिंक बूथ पर छोटे बच्चों के लिए रखे गए खिलौने और हिरकणी कक्ष आकर्षण का केंद्र रहा। लगभग 6,250 अधिकारी और कर्मचारी चुनाव में नियुक्त किए गए थे।
गोधनी नगर पंचायत पिठेसुर वार्ड नंबर 6 में मतदाताओं की पूरक सूची ही गायब थी, जबकि केंद्र के बाहर जो आशावर्कर बैठी थीं उनके पास सूची थी। इस सूची में 150 मतदाताओं के नाम थे। आशावर्कर से पर्ची लेकर भीतर वोट देने जाने वाले मतदाताओं को बूथ के अधिकारी नाम नहीं होने का कारण बताकर बाहर कर रहे थे। जैसे ही इसकी जानकारी पूर्व जिप उपाध्यक्ष कुंदा राऊत को मिली, वे केंद्र पर पहुंचीं।
उन्होंने वहां नियुक्त चुनाव अधिकारी से सवाल किए तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। राऊत के साथ भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के दबाव में अधिकारी मतदाताओं को वोट से वंचित कर रहे हैं। मजदूर वर्ग के मतदाताओं को सूची में नाम नहीं होना बताकर वापस भेज दिया गया था।
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राऊत ने चुनाव अधिकारी को जमकर हड़काया व कलेक्टर से शिकायत कर निलंबित करवाने की चेतावनी दी। तब कहीं दोपहर 3 बजे के बाद पूरक सूची मतदान केंद्र में लाई गई और वोटिंग करवाई गई। कांग्रेस की नगराध्यक्ष पद की उम्मीदवार रूपाली मनोहरे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के गढ़ को भाजपा अधिकारियों से मिलीभगत कर हथियाने का षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने अधिकारी के निलंबन की मांग की।
वाड़ी के प्रभाग क्रमांक 12 के बूथ क्रमांक 5 में एक बुजुर्ग मतदाता कैलाश चंदेल के नाम से कोई दूसरा ही वोट देकर जाने का मामला उजागर हुआ। जब वे वोट देने पहुंचे तो बताया गया कि आपका वोट तो हो गया है। जब उन्होंने सवाल दागे तक उन्हें करीब 2 घंटे बिठाया गया और फिर उन्हें मतदान करने दिया गया। एक यूट्यूबर ने यह मामला उजागर करने का दावा किया।
इससे फर्जी वोटिंग का संदेह भी किया जा रहा है। बहादुरा के संजूबा हाईस्कूल में मतदान के समय धक्कामुक्की व विवाद हुआ लेकिन पुलिस ने मामला संभाला। तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस बंदोबस्त बढ़ाया गया। कामठी के प्रभाग-4 के अनेक मतदाताओं में से किसी के नाम प्रभाग- 2 में और किसी के प्रभाग-3 में डाल दिए जाने से मतदाताओं में रोष दिखा। कांग्रेस नेता सुरेश भोयर ने इसे ‘वोट चोरी’ का मामला बताया।






