
पनवेल- कर्जत रेल कॉरिडोर (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: पनवेल से कर्जत के बीच यात्रा करने वालों के लिए जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है। लंबे समय से निर्माणाधीन पनवेल-कर्जत रेल कॉरिडोर अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। साथ ही यात्रियों के सुरक्षा के लिए इस रूट पर अन्य रूट के मुकाबले मजबूत और ऊंची लंबाई की फेंसिंग किया जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट का 79% काम पूरा हो गया है, और इसे मार्च 2026 तक यात्रियों के लिए शुरू करने की योजना है, अधिकारियों का कहना है कि यह कॉरिडोर तैयार होने के बाद दोनों स्टेशनों के बीच यात्रा का समय करीब 30 मिनट तक घट जाएगा, जिससे यात्रियों को न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि कनेक्टिविटी भी काफी बेहतर हो जाएगी।
यह रेल कॉरिडोर 29.6 किलोमीटर लंचा है और इसकी लागत लगभग 2,782 करोड़ रुपये बताई जा रही है। परियोजना को मुंबई रेल विकास कॉर्पोरेशन के माध्यम से मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया जा रहा है। यह कॉरिडोर पनवेल और कर्जत के बीच एक महत्वपूर्ण उपनगरीय लिंक प्रदान करेगा, जिससे नवी मुंबई, रायगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में रेल संपर्क और भी मजबूत होगा।
अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। पनवेल, चिखले, मोहोपे, चौक और कर्जत स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं और ऑपरेशनल बिल्डिंग्स का काम लगभग पूरा हो चुका है। वहीं, ट्रैक के किनारों पर फेंसिंग (सुरक्षा घेराबंदी) का नया डिजाइन लगाया जा रहा है, जो पहले इस्तेमाल किए गए डिजाइनों से अलग और अधिक टिकाऊ है। सिविल कार्यों में पुल, सुरंगे, स्टेशन भवन और पनवेल व कर्जत में रेल फ्लाईओवर जैसे अहम ढांचे का निर्माण अंतिम चरण में है। इस पूरी परियोजना में आधुनिक इंजीनियरिंग डिजाइन और पर्यावरण संवेदनशील तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि आसपास के इकोलॉजिकल जोन पर असर न्यूनतम रहे।
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पनवेल-कर्जत कॉरिडोर के शुरू हो जाने के बाद, मुंबई महानगरीय क्षेत्र में उपनगरीय रेल नेटवर्क का दायरा काफी बढ़ जाएगा। अभी तक पनवेल से कर्जत जाने के लिए यात्रियों को ठाणे या कर्जत के रास्ते लंबा सफर तय करना पड़ता था। जिससे लगभग एक घंटे का समय लगता था। लेकिन नई लाइन शुरू होने के बाद यह यात्रा सिर्फ 30 मिनट में पूरी हो सकेगी। यह प्रोजेक्ट न केवल दैनिक यात्रियों को राहत देगा, बल्कि उद्योग, शिक्षा और रियल पस्टेट सेक्टर को भी नई गति देगा, कर्जत और पनवेल दोनों ही क्षेत्रों में नई आबादी और व्यावसायिक विकास की संभावनाएं बढ़ेगी, इससे नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और आसपास के औद्योगिक बेल्ट के बीच बेहतर संपर्क भी बनेगा।






