
अमृतपाल ने जज के सामने खुद वकालत की (फोटो-सोशल मीडिया)
Khadoor Sahib MP Amritpal Singh High Court Appearance: पंजाब के खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की एक झलक पाने के लिए मीडिया और उनके समर्थक लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। साल 2023 में एनएसए के तहत गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को पहली बार उनकी सार्वजनिक तस्वीर सामने आई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए अमृतपाल ने वकीलों की हड़ताल के चलते अपना केस खुद लड़ा। उन्होंने जजों के सामने दलील दी कि उनके जेल में रहने से उनके संसदीय क्षेत्र का विकास पूरी तरह ठप पड़ा है और जनता परेशान है।
असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद सांसद ने चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की बेंच के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक सिस्टम में एक चुने हुए प्रतिनिधि को संसद में मुद्दे उठाने का हक है, लेकिन उन पर लगे आरोपों को जबरन बढ़ाया जा रहा है। अमृतपाल ने पंजाब में बाढ़, नशीली दवाओं की समस्या और एमपी लैड फंड जैसे जरूरी मुद्दों को उठाने के लिए मौजूदा संसद सत्र में शामिल होने की इजाजत मांगी है ताकि खड़ूर साहिब का काम हो सके।
अमृतपाल सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत अपनी हिरासत बढ़ाने के आदेश को चुनौती देते हुए इसे असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने हिरासत बढ़ाने के लिए जिन मामलों का हवाला दिया है, उनमें उनकी सीधी भागीदारी साबित नहीं होती। हैरानी की बात यह है कि सरकारी डॉसियर में कुछ ऐसी घटनाओं का जिक्र है जो तब हुईं जब वह पहले से ही जेल की सलाखों के पीछे थे। ऐसे में उन घटनाओं में उनका शामिल होना नामुमकिन है, फिर भी हिरासत की अवधि बढ़ाई गई है जो मौलिक अधिकारों का हनन है।
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अपनी याचिका में अमृतपाल सिंह ने पुलिस की जांच और गवाहों पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस जिन गवाहों पर भरोसा कर रही है, उनके बयान आपस में ही मेल नहीं खाते और विरोधाभासी हैं। मामले में ठोस सबूतों की भारी कमी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार कोर्ट में यह बताने में पूरी तरह नाकाम रही है कि आखिर उनके मामले में निवारक हिरासत जैसे असाधारण और सख्त कदम की जरूरत अब भी क्यों बनी हुई है। फिलहाल कोर्ट ने उनकी दलीलों को सुना है और मामला विचाराधीन है।






