प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई. महाराष्ट्र में जल्द ही चुनाव होने वाले है, उससे पहले ही केंद्र ने महाराष्ट्र को तोहफा दे दिया है। मोदी सरकार ने मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र को जोड़ने के लिए जलगांव से जालना तक नई रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी है, जिसपर 7 हजार 105 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे, जिसमें राज्य सरकार और रेलवे का समान योगदान होगा। 174 किलोमीटर लंबी लाइन यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट अजंता जाने वाले लोगों की यात्रा आरामदायक कर देगी।
शुक्रवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में जलगांव-जालना परियोजना समेत आठ बड़ी रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य क्षेत्रीय इंडस्ट्रियल ग्रोथ को बढ़ाना और जलगांव से जालना की कनेक्टिविटी बेहतर करना है।
नई रेलवे लाइन का नक्शा
जलगांव-जालना बनने जा रही नई रेलवे लाइन का काम 5 साल में पूरा किया जाएगा। इस लाइन में सबसे बड़ी यानी 23.5 किमी का सुरंग बनाया जाएगा। फिलहाल जमीन अधिग्रहण का काम किया जा रहा है। बता दें कि नई लाइन जालना और जलगांव के बीच यात्रा की दूरी को लगभग 50% घटाकर 336 किलोमीटर से 174 किलोमीटर कर देगी। इस परियोजना से 60 लाख मानव दिवस रोजगार उत्पन्न होने और 54 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है, जो 2.2 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है
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शनिवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा हुई ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह बताया गया कि इस लाइन के बन जाने से, यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट अजंता पहुंचना काफी आसान हो जाएगा। सीधी कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। यह स्टेशन अजंता से कुछ 8 -10 किमी दूर बनाया जाएगा। ताकी केव की विरासत बनी रहे।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह पोर्ट कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, सोयाबीन और कापुस जैसे कृषि उत्पादों के परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा और फ़र्टिलाइज़र और सीमेंट जैसे उद्योगों का समर्थन करेगा। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट अजंता गुफाओं तक पहुंच में सुधार करके पर्यटन को बढ़ावा देगा।
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