
छिपिया ग्राम पंचायत (सौजन्य-नवभारत)
Gondia Gram Panchayat Corruption: पिछले कई दिनों से गांव की ग्राम पंचायत में कोई ग्राम सभा नहीं हुई है। गांव वालों ने ग्राम पंचायत में आए फंड का हिसाब मांगा, लेकिन यहां के ग्राम सेवक ने बिना हिसाब दिए ही अपना स्थानांतरण कर लिया। गोंदिया तहसील के छिपिया ग्राम पंचायत में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। लोगों ने जिला परिषद में शिकायत करके मांग की है कि उक्त ग्राम सेवक का बिना हिसाब दिए स्थानांतरण न किया जाए।
पिछले कई महीनों से यहां की ग्राम पंचायत में कोई ग्राम सभा नहीं हुई है। लोगों ने कई बार ग्राम सभा की मांग की कि गांव में विकास के कामों पर खर्च हुए फंड का खर्च यहां के ग्राम सेवक कोटांगले प्रस्तुत करें। लेकिन गांव वालों का आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों ने समय बर्बाद करने की नीति अपनाते हुए ग्राम सभा ही नहीं की।
इतना ही नहीं, बताया गया है कि यहां काम करने वाले ग्राम सेवक कोटांगले ने हिसाब देने से पहले ही वरिष्ठ स्तर पर अपना स्थानांतरण करवा लिया है। इसलिए गांव वालों ने पहले हिसाब जमा करने और फिर स्थानांतरण करने का रुख अपनाया है और जिला परिषद में शिकायत दर्ज कराई है।
उक्त ग्राम सेवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग नीरज डोनोडे, मयूर श्यामकुवर, संदीप ब्रम्हे, सुरेश डोनोडे, अक्षय भेंडारकर, आकाश हेमने, हिमांशु उके, जितेंद्र खोबरागड़े, जितेंद्र कुंजाम, सुरेंद्र डोनोडे, कोमल दोनोडे, संजय हेमने, मुकेश उके ने जिप सीईओ को भेजी शिकायत में की है।
यह भी पढ़ें – सारंगवाड़ी प्रोजेक्ट में बड़ा घोटाला, 16 करोड़ का काम 280 करोड़ तक कैसे पहुंचा? SIT जांच के आदेश
इस ग्राम पंचायत में सभी ग्राम सभाएं नियमानुसार हुईं और हिसाब भी जमा किया गया है। नवंबर की सभा कोरम की कमी के कारण टाल दी गई है।
– जे.आर. कोटांगले ग्राम पंचायत अधिकारी (तत्कालीन) छिपिया
ग्राम सभा लेने की मांग कई बार की गई लेकिन ग्राम सेवक ने कागज पर सभा लेकर कानून का उल्लंघन किया और मामला हाथ से निकलने से रोकने के लिए अपना स्थानांतरण करवा लिया।
– नीरज दोनोडे (शिकायतकर्ता ग्रामीण)






