Deepender Hooda in Parliament: कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की और दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था ने 78 साल के आठ चिंताजनक रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों पर कुल कर्ज जीडीपी का 82% हो गया है, जो ‘कर्ज लो और घी पियो’ वाली कहावत चरितार्थ करता है। हुड्डा ने बताया कि रुपया एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया है और यह सबसे निम्नतम स्तर पर है। उन्होंने करंट अकाउंट डेफिसिट (व्यापार घाटा) के 78 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने पर भी सवाल उठाए।
सबसे बड़ा रिकॉर्ड असमानता का है, जहां 1% सबसे अमीर नागरिकों के पास देश की 40% संपत्ति केंद्रित हो गई है, जिसने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 साल में 16 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट कर्ज राइट ऑफ किया गया। हुड्डा ने एअरलाइन और टेलीकॉम जैसे प्रमुख सेक्टर में मोनोपोली और डओपोली (दो कंपनियों का प्रभुत्व) बढ़ने पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग से लोग कृषि क्षेत्र में लौट रहे हैं, जो रोजगार का उल्टा ट्रेंड है। अंत में, उन्होंने कहा कि औसत विकास दर 8।1% से घटकर 5।75% हो गई है, और ‘स्टार्टअप इंडिया’ अब ‘शट डाउन इंडिया’ बन गया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था ‘अनर्थव्यवस्था’ की ओर बढ़ रही है।
Deepender Hooda in Parliament: कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की और दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था ने 78 साल के आठ चिंताजनक रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों पर कुल कर्ज जीडीपी का 82% हो गया है, जो ‘कर्ज लो और घी पियो’ वाली कहावत चरितार्थ करता है। हुड्डा ने बताया कि रुपया एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया है और यह सबसे निम्नतम स्तर पर है। उन्होंने करंट अकाउंट डेफिसिट (व्यापार घाटा) के 78 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने पर भी सवाल उठाए।
सबसे बड़ा रिकॉर्ड असमानता का है, जहां 1% सबसे अमीर नागरिकों के पास देश की 40% संपत्ति केंद्रित हो गई है, जिसने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 साल में 16 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट कर्ज राइट ऑफ किया गया। हुड्डा ने एअरलाइन और टेलीकॉम जैसे प्रमुख सेक्टर में मोनोपोली और डओपोली (दो कंपनियों का प्रभुत्व) बढ़ने पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग से लोग कृषि क्षेत्र में लौट रहे हैं, जो रोजगार का उल्टा ट्रेंड है। अंत में, उन्होंने कहा कि औसत विकास दर 8।1% से घटकर 5।75% हो गई है, और ‘स्टार्टअप इंडिया’ अब ‘शट डाउन इंडिया’ बन गया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था ‘अनर्थव्यवस्था’ की ओर बढ़ रही है।






