
जिप-मनपा चुनाव की घोषणा, आज लग सकती है आचार संहिता (सौजन्यः सोशल मीडिया)
BMC Election 2026: मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित राज्य की 29 महानगरपालिकाओं और जिला परिषदों के बहुप्रतीक्षित चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों से लंबित इन चुनावों की घोषणा सोमवार दोपहर होने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर राज्य के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है। सत्ताधारी भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि राज्य निर्वाचन आयोग सोमवार दोपहर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।
महाराष्ट्र की सभी 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव एक साथ और एक ही चरण में कराने का निर्णय लगभग तय माना जा रहा है। इसमें मुंबई, पुणे सहित राज्य के सभी प्रमुख शहरों की महानगरपालिकाएं शामिल हैं। 15 दिसंबर के बाद राज्य में कभी भी आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा पार होने के कारण नागपुर और चंद्रपुर महानगरपालिकाओं के चुनाव टाले जाएंगे, लेकिन अब कहा जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग सभी 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी में है। आयोग ने सभी विभागीय आयुक्तों से निर्वाचन अधिकारी और सहायक अधिकारियों के नाम तय करवा लिए हैं, जिससे चुनावी तैयारियों को गति मिली है।
सूत्रों के अनुसार, 12 से 15 जनवरी के बीच महानगरपालिकाओं के लिए मतदान कराया जा सकता है। मतदान के अगले ही दिन परिणाम घोषित किए जाने की भी संभावना है। न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को 31 जनवरी 2026 तक सभी स्थानीय स्वशासी संस्थाओं के चुनाव पूरे करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य की 32 जिला परिषदों में से 17 में राजनीतिक आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा पार कर चुका है। कई पंचायत समितियों में भी यही स्थिति है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जहां आरक्षण सीमा पार होती है, वहां चुनाव नहीं कराए जा सकते। ऐसे में जिला परिषद चुनाव टलने के संकेत मिल रहे हैं। जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव 5 जनवरी से 31 जनवरी के बीच होने की संभावना है। 21 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय में आरक्षण से जुड़े मामलों की सुनवाई होनी है, जिसके बाद ही चुनाव की तस्वीर साफ होगी।
उल्लेखनीय है कि मुंबई मनपा की 227 सीटों के लिए पिछला चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था। तब शिवसेना और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, जिसमें शिवसेना के 84 और भाजपा के 82 नगरसेवक चुने गए थे। इस बार राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। शिवसेना विभाजित हो चुकी है और एकनाथ शिंदे के साथ पार्टी की आधी से अधिक ताकत भाजपा के साथ है। इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी टूट चुकी है और अजीत पवार के साथ राकां की बड़ी ताकत भाजपा के पाले में है।
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ऐसे में भाजपा-नीत महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और राकां (अजीत पवार) शामिल हैं, मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी शिवसेना को राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी से बाहर निकलकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।






