गड़चिरोली जिले का तुमरकसा गांव (फोटो नवभारत)
Gadchiroli News In Hindi: वर्तमान स्थिति में किसानों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए सातबारह की आवश्यकता होती है। यदि सातबारह नहीं है तो किसानों के अनेक सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ता है। ऐसी ही एक मामला गड़चिरोली जिले की अहेरी तहसील के पेरमिली मंडल अंतर्गत आने वाले तुमरकसा गांव के किसानों के जुड़ा मामला सामने आया है।
तुमरकसा गांव के किसानों को राजस्व कार्यालय द्वारा ऑनलाइन व हस्तलिखित सातबारह नहीं मिलने से सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है।
गांव के किसान और नागरिकों द्वारा इस मामले की ओर अनेक बार प्रशासन, जनप्रतिनिधि और सरकार द्वारा ज्ञापन के जरिये ध्यानाकर्षण कराया गया। बावजूद इसके किसानों की समस्याओं का कोई भी संज्ञान नहीं लेते दिखाई दे रहा है। जिसके कारण पिछले चार वर्षों से सातबारह पाने के लिए तुमरकसा गांव के किसानों को संर्षघ करना पड़ रहा है।
गड़चिरोली के पेरमिली मंडल अंतर्गत आने वाले तुमरकसा गांव का राजस्व विभाग में कासमपल्ली मसाहत के रूप में पंजीयन है। वर्ष 2020-21 तक तुमरकसा गांव के किसानों को मेडपल्ली पटवारी कार्यालय द्वारा कासमपली मसाहत के नाम से हस्तलिखित सातबारह दिया जा रहा था। लेकिन वर्ष 2021 के बाद से उक्त सातबारह देना राजस्व विभाग द्वारा बंद किया गया। जिसके कारण गांव के किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है।
इधर किसानों ने तहसीलदार, एसडीओ, भूमि अभिलेख कार्यालय को ज्ञापन सौंपकर सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए सातबारह देने की मांग की है। बाजवूद इसके अब चार वर्षों की अवधि बीत जाने के बाद भी किसानों को सातबारह नहीं मिल रहा है।
नागरिकों को सहज पारदर्शक व बिनचूक सुविधा उपलब्ध करा देने के लिए राजस्व विभाग प्रयासरत है। सरकार के कम्प्यूटरराइज सातबारह व ई-पीक निरीक्षण उपक्रम, किसानों को मार्गदर्शक है। ऐसे सहज व तत्परता से सेवा देने के लिए राजस्व विभाग कटिबद्ध है।
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किसानों को नये स्वरूप में कम्प्युटरराइज सातबारह, फसलों का क्षेत्र, प्रकार, नुकसान, सर्वेक्षण, फसल बीमा इसके लिए सातबारह काफी महत्वपूर्ण है। यह उपक्रम किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होता है। लेकिन प्रशासन द्वारा सातबाहर का वितरण चार वर्षों से नहीं किए जाने से किसानों को योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा? ऐसा सवाल किसानों ने उपस्थित किया है।
तुमरकसा के किसान बूराव तलांडी बताया कि पहले की तरह सातबारह देने की मांग को लेकर 250 किसानों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन राजस्व विभाग को सौंपा गया है और पिछले चार वर्षों से निरंतर ज्ञापन के जरिये इस मांग की ओर प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है। लेकिन प्रशासन की उदासीनता कायम है। यदि गांव के किसानों को सातबारह नहीं मिलने पर किसान आंदोलन करेंगे।