
स्वबल के नारे से पलटे धर्मरावबाबा आत्राम
Gadchiroli News: चामोर्शी की जनसभा में “स्वबल” (अपने दम पर चुनाव लड़ने) का नारा देने वाले पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) के विधायक धर्मरावबाबा आत्राम ने अब अपना रुख बदल लिया है। उन्होंने आगामी स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनावों में गठबंधन (युति) के साथ चलने के संकेत दिए हैं। पिछले कुछ हफ्तों से धर्मरावबाबा आत्राम जिलेभर में कार्यकर्ता सभाओं और जनकल्याण यात्राओं के माध्यम से अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं।
चामोर्शी में हुई एक सभा में उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि विधानसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए भाजपा ने उनके भतीजे को 5 करोड़ रुपये दिए थे। उनके इस बयान के बाद भाजपा ने भी जवाबी बयान जारी करते हुए “स्वबल पर चुनाव” की चेतावनी दी थी। इसी सभा में आत्राम ने गड़चिरोली के सह-पालकमंत्री एड. आशिष जैस्वाल पर भी अपने मतदारसंघ में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। इन बयानों के चलते युति के भीतर मतभेद बढ़ते दिखाई दिए थे।
लेकिन देसाईगंज में आयोजित राष्ट्रवादी कांग्रेस की जनकल्याण यात्रा के दौरान धर्मरावबाबा आत्राम का सुर बदल गया। उन्होंने कहा कि “अगर गठबंधन के लिए चर्चा का प्रस्ताव आता है, तो उस पर विचार किया जाएगा। राज्य में तीनों दल मिलकर सरकार चला रहे हैं, इसलिए चुनाव में भी इसका लाभ मिलना चाहिए।”
पहले जिला परिषद की 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करने की बात कहने वाले आत्राम अब गठबंधन की दिशा में झुकते नजर आ रहे हैं। उनके इस अचानक बदलाव से कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, चामोर्शी और देसाईगंज की सभाओं में धर्मरावबाबा आत्राम की बढ़ती लोकप्रियता और जनसमर्थन ने विरोधियों में हलचल मचा दी थी। “स्वबल” का उनका नारा युति में मतभेद का कारण बन सकता था। सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के बाद आत्राम ने अपने रुख में नरमी दिखाई और गठबंधन धर्म निभाने के संकेत दिए। इस घटनाक्रम से स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनावी माहौल में नई राजनीतिक गर्मी आ गई है और जिले का राजनीतिक समीकरण बदलता दिखाई दे रहा है।
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जिले में स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की हलचल तेज हो गई है। नगराध्यक्ष और जिला परिषद अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की तलाश जारी है। नगराध्यक्ष पद इस बार महिला आरक्षित होने के कारण भाजपा में सक्षम महिला उम्मीदवार की खोज चल रही है। पार्टी में तीन दिग्गज महिला नेताओं के नाम चर्चा में हैं। वहीं कांग्रेस ने पूर्व नगराध्यक्ष और राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के नेता सुरेश पोरेड्डीवार तथा उनकी पत्नी प्राचार्य कविता पोरेड्डीवार को पार्टी में शामिल किया है। पिछले एक सप्ताह में कई पदाधिकारियों ने अलग-अलग दलों में प्रवेश किया है, जिससे जिले में स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनावी माहौल में जबरदस्त गर्मी आ गई है।






