
कश्मीर से लौटे गड़चिरोली के पर्यटक (सोर्स- नवभारत)
गड़चिरोली: पूरे भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर को झकझोर देने वाले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से गड़चिरोली के पर्यटक बेहद मामूली अंतर से बच निकले। हमला जिस स्थान पर हुआ, वहां से पर्यटक महज एक घंटे पहले ही रवाना हुए थे। यदि जिले के पर्यटक वहां पर और रुके होते तो क्या होता?
यह सोचकर पर्यटकों और उनके परिवारजनों का दिल दहल गया। लेकिन किस्मत ने साथ दिया और सभी सकुशल बच निकले। इन पर्यटकों में गड़चिरोली के कुछ सेवानिवृत्त नायब तहसीलदारों के परिवार सहित कुल 43 लोग शामिल हैं। यह सभी उत्तर भारत की यात्रा पर एक ट्रैवल एजेंट के माध्यम से निकले थे। आतंकवादी हमले के बाद भले ही डर का माहौल बना हुआ है, लेकिन सभी लोग सुरक्षित हैं, यह जानकारी सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार गणपत सोरते ने दी।
11 अप्रैल को गड़चिरोली से वरिष्ठ नागरिक और अन्य पर्यटकों का एक जत्था रेल मार्ग से उत्तर भारत की यात्रा पर निकला था। मथुरा, आगरा, कटरा, वैष्णो देवी होते हुए श्रीनगर पहुंचा। वहां से सोनमर्ग, गुलमर्ग का प्राकृतिक सौंदर्य देखने के बाद घटना वाले दिन यानी मंगलवार को वह पहलगाम पहुंचे। वहां से घोड़े पर सवार होकर ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहे जाने वाले बैसरन घाटी की ओर गए।
पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
वहां का मनोरम दृश्य देखकर और कुछ समय बिताने के बाद जत्था फिर घोड़े से नीचे पहलगाम लौटा। वहां से उन्हें चंदनवाड़ी जाना था। जिसके बाद उन्हें वापस श्रीनगर पहुंचना था। लेकिन चंदनवाड़ी पहुंचने से पहले ही उन्हें हमले की खबर मिली और तुरंत वापस लौटने का निर्देश दिये गये। जिस स्थान से वह थोड़ी ही देर पहले लौटे थे, वहां ऐसी भयानक घटना हुई, इस पर उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था। अगर हम उस समय वहां होते तो…यह विचार मन में आते ही सभी सन्न रह गए और श्रीनगर की ओर रवाना हो गए।
भयभित हुए गड़चिरोली के पर्यटकों को उनके वाहन के चालक, जो एक कश्मीरी मुस्लिम था, उसने पर्यटकों का साहस बढ़ाते हुए कहा कि, हमारी रोजी-रोटी आप लोगों पर निर्भर है। आप घबराइए मत, हम आपकी मदद करेंगे, जरूरत पड़ी तो आप हमारे घर पर भी सुरक्षित रह सकते हैं। इस तरह कश्मीरी मुस्लिम नागरिकों ने पर्यटकों को हिम्मत बढ़ाई। हालांकि, कश्मीर की यात्रा यहीं समाप्त कर बुधवार सुबह गड़चिरोली के पर्यटक जत्थे ने जम्मू की ओर प्रस्थान किया। वहां से अमृतसर, दिल्ली होते हुए वे नियोजित यात्रा पूरी कर गड़चिरोली लौटेंगे।






