बाघ, इनसेट- मृतक महिला (फोटो नवभारत)
Chandrapur Tiger attack News: चंद्रपुर जिले की मूल तहसील के सोमनाथ में स्थित कुष्ठ रोगी बस्ती, शांतिवन कॉलोनी, में सोमवार सुबह एक बाघ के हमले में 55 वर्षीय महिला अन्नपूर्णा तुलसीराम बोलने की मौत हो गई। पिछले तीन महीनों में इस बस्ती में बाघ के हमले की यह दूसरी घटना है, जिसने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह हमला सुबह 5 बजे हुआ जब अन्नपूर्णा अपने घर के पीछे थीं। अचानक एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया और उनकी गर्दन पकड़ ली। अन्नपूर्णा के पति तुलसीराम ने अपनी पत्नी को बचाने की पूरी कोशिश की, वे एक तरफ से पत्नी के पैर खींच रहे थे, जबकि बाघ दूसरी तरफ से उन्हें खींच रहा था। यह संघर्ष लगभग पांच मिनट तक चला। क्षेत्रवासियों के शोर मचाने पर बाघ भाग गया, लेकिन अन्नपूर्णा ने दम तोड़ दिया। वन विभाग के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए मूल उप-जिला अस्पताल भेजा।
स्थानीय निवासियों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। उनका आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण इस क्षेत्र में इंसानों और पालतू जानवरों पर बाघ के हमले बढ़ गए हैं। इससे पहले 8 जून 2025 को भी इसी बस्ती में एक बाघ ने हमला कर एक व्यक्ति को मार डाला था।
निवासियों का कहना है कि उन्होंने वन विभाग से कई बार बाघों के आतंक से निपटने और कॉलोनी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी, लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया। इस अनदेखी का परिणाम है कि आज एक और जान चली गई।
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स्थानीय लोगों ने वन विभाग की निष्क्रियता पर गुस्सा जाहिर करते हुए आदमखोर बाघ का तुरंत बंदोबस्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि वन विभाग केवल अपनी आय बढ़ाने के लिए गेट पास जारी करने में व्यस्त है, जबकि क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पूरी तरह से उपेक्षित है।
निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वे सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह घटना न केवल वन विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि वन्यजीवों और मानव जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को भी रेखांकित करती है।