
ग्रामपंचायत कार्यालय अब भी पुराने परसोडी में ही (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: पवनी तहसील मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित गट ग्रामपंचायत परसोडी में तीन गांव गायडोंगरी, महालगांव और परसोडी शामिल हैं। भौगोलिक दृष्टि से परसोडी गांव तहसील के पश्चिमी छोर पर स्थित है। प्रशासनिक सुविधाओं की कमी और दूरी के कारण नागरिकों को ग्रामपंचायत के छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी 20 से 25 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है।
बीच में खापरी (रेहपाडे) गांव के बाद स्थित गायडोंगरी और महालगांव को परसोडी ग्रामपंचायत में जोड़ा गया था। लेकिन इन गांवों की दूरी और असुविधाजनक भौगोलिक स्थिति के चलते ग्रामीणों को ग्रामपंचायत कार्यालय तक पहुंचने के लिए खापरी गांव पार कर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। गोसे प्रकल्प (बांध परियोजना) के कारण परसोडी और महालगांव गांवों का पुनर्वसन क्रमशः निलज के समीप और भुयार आमगांव महामार्ग के किनारे किया गया है। इन नए स्थानों पर अधिकांश नागरिक स्थायी रूप से बस चुके हैं।
इसके बावजूद ग्रामपंचायत कार्यालय अभी भी पुराने परसोडी गांव में ही स्थित है, जहां मात्र 10 परिवार शेष हैं। इन्हीं परिवारों की उपस्थिति को आधार बनाकर ग्रामपंचायत का संचालन किया जा रहा है, जिससे पुनर्वसित नागरिकों को अपने कार्यों के लिए 20-25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब परसोडी और महालगांव का पुनर्वसन नए स्थलों पर हो चुका है, तो ग्रामपंचायत कार्यालय पुराने गांव में क्यों संचालित किया जा रहा है।
नए परसोडी में ग्रामपंचायत की नई इमारत बनकर तैयार है, लेकिन अब तक वहां कार्यालय स्थानांतरित नहीं किया गया है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को या तो ग्रामपंचायत कार्यालय नए पुनर्वसित गांव में स्थानांतरित करना चाहिए या गायडोंगरी गांव को नजदीकी ग्रामपंचायत में शामिल करना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को इतनी लंबी दूरी तय न करनी पड़े।
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स्थानीय नागरिकों ने गटविकास अधिकारी से इस समस्या की जानकारी शासन स्तर तक पहुंचाने और ग्रामपंचायत स्थानांतरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग की है। उनका कहना है कि प्रशासनिक विलंब के कारण ग्रामीणों को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।






