
दिल्ली में वाहनों की कतार। इमेज-एआई
Delhi NCR Pollution: दिल्ली सरकार के नए फैसले के बाद कल से (18 दिसंबर) NCR की 12 लाख गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री बैन हो जाएगी। इनमें गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद की वे गाड़ियां शामिल हैं, जिनके पास BS-6 मानक नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) अनिवार्य रूप से दिखाए बिना पेट्रोल-डीजल भरने की अनुमति न देने के आदेश के बाद दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने बुधवार को पर्यावरण मंत्री से बैठक का समय मांगा है।
दिल्ली में 650 से अधिक पेट्रोल पंप हैं। हर पंप पर रोज 5-6 हजार वाहन ईंधन भराने आते हैं। पंप मालिकों का कहना है कि हर गाड़ी वाले से PUC मांगा जाएगा तो लंबी कतारें लग जाएंगी। झगड़े या विवाद की आशंका होगी। कर्मचारियों के लिए हालात संभालना मुश्किल होगा। एसोसिएशन ने कहा, यह व्यवस्था व्यावहारिक नहीं है।
दिल्ली में कुछ समय पहले 10–15 साल पुरानी गाड़ियों को चिन्हित करने के लिए पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे लगाए गए थे। दो दिनाों के भीतर यह सिस्टम हटा दिया गया था, क्योंकि इसका पालन कराना मुश्किल हो गया था।
एनसीआर में BS-6 मानक से नीचे की 12 लाख प्राइवेट गाड़ियां हैं। गुरुग्राम में 2 लाख, नोएडा में 4 लाख, गाजियाबाद में 5.5 लाख और अन्य एनसीआर जिलों में भी कई गाड़ियां चल रही हैं। सरकार के आदेश के कारण इन गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री रोक दी जाएगी। दिल्ली में कुल 156 एंट्री प्वाइंट हैं, जहां टोल वसूला जाता है। ग्रीन टैक्स वसूला जाता और कमर्शियल वाहनों की जांच होती है। मगर, एनसीआर की गैर-BS6 प्राइवेट गाड़ियों को चेक करने के लिए ठोस सिस्टम नहीं है। इस कारण सीमा पर जांच और एंट्री रोकना व्यवहारिक चुनौती बनी है।
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BS-6 (भारत स्टेज-6) भारत सरकार की ओर से निर्धारित उत्सर्जन मानक है। इसका उद्देश्य वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करना है। यह BS-4 से अधिक सख्त है। नाइट्रोजन ऑक्साइड एवं पार्टिकुलेट मैटर जैसी हानिकारक गैसों के उत्सर्जन को काफी घटाता है, जिससे हवा की गुणवत्ता सुधरती है। यह 1 अप्रैल 2020 से पूरे देश में लागू है।






