
प्रतीकात्मक फोटो, सोर्स- सोशल मीडिया
Pahalgam Terror Attack Charge Sheet: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम आतंकी हमले के आठ महीने बाद एक विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है। इस दस्तावेज में आतंकवादियों, हैंडलर्स और मास्टरमाइंड्स के नाम हैं, लेकिन सबसे अहम है पाकिस्तान से जुड़े सीधे सबूत, जिसे एजेंसी ने सूचीबद्ध किया है। यह चार्जशीट भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज का काम करेगी।
एनआईए अधिकारियों ने पुष्टि की है कि 1,597 पन्नों की इस विस्तृत चार्जशीट में ऐसे अहम सबूत मौजूद हैं जो हमले में पाकिस्तान के शामिल होने की बात कह रहे हैं। पाकिस्तान ने अपनी भूमिका से बार-बार इनकार किया है और आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने शुरू में यह कहकर हमले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी कि इसे जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों ने अंजाम दिया है। पाकिस्तान का मकसद कश्मीरियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा भड़काना और जम्मू-कश्मीर को बाकी भारत से बांटना था।
जांच में यह बात सामने आई कि जब पाकिस्तान ने इस आतंकी हमले की योजना बनाई थी, तो उसका इरादा स्पष्ट था। एक अधिकारी ने बताया कि न सिर्फ वहां की सरकार घरेलू समस्याओं से ध्यान भटकाना चाहती थी, बल्कि वह जम्मू-कश्मीर में फलते-फूलते पर्यटन उद्योग को भी नुकसान पहुंचाना चाहती थी। हालांकि, सरकार कुछ समय के लिए इस इंडस्ट्री को पटरी से उतारने में कामयाब रही, लेकिन आज यह फिर से पटरी पर आ गई है।
चार्जशीट में अहम सबूतों के तौर पर कई तथ्य सूचीबद्ध किए गए हैं। ऑपरेशन महादेव वाली जगह से दो एंड्रॉयड मोबाइल फोन बरामद हुए थे, जिनसे यह साबित हुआ कि वे पाकिस्तान में खरीदे गए थे। फोरेंसिक एनालिसिस से भी आतंकवादियों का संबंध पाकिस्तान से जुड़ा। इसके अलावा, मुठभेड़ के बाद एजेंसियों ने एम4 असॉल्ट राइफलें बरामद कीं, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी आतंकवादी बड़े पैमाने पर करते हैं। जांच में यह भी पता चला कि हमले में शामिल आतंकवादी फैसल वट्ट, हबीब ताहिर और हमजा अफगानी थे, और वे सभी पाकिस्तानी नागरिक थे।
एनआईए ने इस हमले के मास्टरमाइंड सज्जाद जट्ट (Sajjad Jatt) का लिंक भी स्थापित किया है। जट्ट, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रॉक्सी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) के ऑपरेशंस की देखरेख करता है। जट्ट भारतीय एजेंसियों के लिए जाना-पहचाना व्यक्ति है, जिसे वे 2000 में जम्मू और कश्मीर में रहने के समय से जानती हैं।
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पहलगाम हमले के अलावा, जट्ट ने 2024 में रियासी बस हमले की भी साजिश रची थी, जिसमें नौ तीर्थयात्री मारे गए थे। वह 2013 में भारतीय सेना पर हमले और 2023 के पूंछ भाटा धुरियां हमले में भी शामिल था। अधिकारियों का कहना है कि यह विस्तृत चार्जशीट ही पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए काफी है।






