पत्रवार्ता में मौजूद ओबीसी समाज के पदाधिकारी (फोटो नवभारत)
Bhandara News In Hindi: मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन का असर अब भंडारा जिले में भी दिखने लगा है। ओबीसी जनगणना परिषद और अन्य ओबीसी संगठनों ने आरोप लगाया है कि मराठा समुदाय को कुणबी प्रमाणपत्र जारी करना ओबीसी समाज के साथ घोर अन्याय है। इस फैसले के विरोध में, ओबीसी संगठनों ने 3 सितंबर से भंडारा के कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है।
सोमवार, 1 सितंबर को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में ओबीसी जनगणना परिषद के मुख्य संयोजक सदानंद इलमे ने सीधे तौर पर केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की कांग्रेस और वर्तमान की भाजपा सरकारें आरक्षण विवाद को खत्म करने में रुचि नहीं रखती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने मराठाओं को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिया, तो इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सदानंद इलमे ने कहा कि सरकार मराठा समाज के दबाव में आकर मनमाने ढंग से कुणबी प्रमाणपत्र जारी कर रही है, जिससे ओबीसी समाज के अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने जोरदार मांग की है कि अब तक जारी किए गए सभी कुणबी प्रमाणपत्र तुरंत रद्द किए जाएं और भविष्य में इस तरह के प्रमाणपत्र जारी करना बंद किया जाए।
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संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया और मराठाओं को ओबीसी में शामिल करने का प्रयास किया, तो वे एक राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती।
इस पत्रकार वार्ता का आयोजन ओबीसी जनगणना परिषद, ओबीसी जागृति मंच, ओबीसी सेवा संघ, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ और ओबीसी क्रांति मोर्चा सहित कई संगठनों द्वारा किया गया था। इस अवसर पर डॉ. बालकृष्ण सार्वे, गोपाल सेलोकर, मुकेश पुडके, संजय मते और रोशन उरकुडे सहित बड़ी संख्या में ओबीसी समाज के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।