नगर परिषद का बैठक में मौजूद विधायक नरेंद्र भोंडेकर व अन्य (फोटो नवभारत)
Bhandara News In Hindi: भंडारा नगर परिषद क्षेत्र में लगभग 112 साल बाद सिटी सर्वे का काम शुरू होने जा रहा है। इस सर्वेक्षण में नगर परिषद की सीमा के भीतर आने वाले 16,400 घरों को शामिल किया जाएगा, जिससे लंबे समय से नजूल की जमीन पर रह रहे हजारों परिवारों को उनके घरों का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ होगा। इस ऐतिहासिक कार्य के लिए कुल अनुमानित खर्च 3 करोड़ 40 लाख रुपये है।
विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने इस संबंध में नगर परिषद कार्यालय में एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने तत्काल 1 करोड़ रुपये जारी करने और सर्वे का काम तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि भंडारा नगर परिषद क्षेत्र का पिछला और एकमात्र सर्वे अंग्रेजी शासनकाल में 1912 में हुआ था। इसके बाद से कोई सर्वेक्षण न होने के कारण, नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले लगभग 16,400 परिवारों को आज भी अतिक्रमणधारक माना जाता है। इससे ये परिवार सरकार की कई योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे।
बैठक में नगर परिषद के मुख्य अधिकारी ने जानकारी दी कि सर्वे न होने के कारण पिंगलाई के 3,200, गणेशपुर के 5,000, केसलबाड़ा के 1,200 और भंडारा खास के 7,000 घरों को नगर परिषद की सीमा से बाहर माना जा रहा था। उन्होंने बताया कि इस बड़े काम के लिए आवश्यक फंड की कमी एक बड़ी चुनौती थी।
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निधि की कमी की समस्या पर विधायक भोंडेकर ने तुरंत समाधान निकाला। उन्होंने नगर परिषद को निर्देश दिया कि वे तत्काल 1 करोड़ रुपये जारी करें और बाकी बचे 2 करोड़ 40 लाख रुपये के लिए एक विशेष योजना का प्रस्ताव तैयार करें।
इस सिटी सर्वे से नजूल की जमीन पर बसे परिवारों को मालिकाना हक मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी मिल सकेगा। बैठक में शिवसेना जिलाध्यक्ष अनिल गायधने सहित कई स्थानीय नेता और नगर परिषद के पदाधिकारी उपस्थित रहे।