एजुकेशन सेक्टरल में डिजिटलाइजेशन (सौ. सोशल मीडिया )
Yavatmal News In Hindi: बदलते समय की जरूरत को समझते हुए शिक्षा विभाग ने डिजिटल शिक्षा को अपनाने की कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि, यह डिजिटल शिक्षा सिर्फ कागजों तक ही सीमित है।
एक गंभीर बात यह सामने आई है कि जिले के तीन हजार स्कूलों में से 2500 स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा ही नहीं है। प्रशासन दावा कर रहा है कि शिक्षकों के मोबाइल फ़ोन की बदौलत सभी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा मिल रही है। जिला परिषद स्कूल, नगर परिषद, अनुदानित, स्व वित्तपोषित स्कूल और आश्रम स्कूलों सहित कुल 3,324 स्कूल हैं। स्व-वित्तपोषित और अनुदानित स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा काफी उपलब्ध है।
जिला परिषद स्कूलों में न तो कंप्यूटर हैं और न ही इंटरनेट। सबसे बड़ी बात यह है कि 72 स्कूलों में बिजली भी नहीं पहुंच पाई है। सवाल यह है कि ऐसे में डिजिटल शिक्षा कैसे दी जाएगी। केवल पीएम श्री स्कूल ही इसका अपवाद हैं। केंद्र सरकार ने यवतमाल जिले के 40 स्कूलों को, पहले चरण में 26 और दूसरे चरण में 14, पीएम श्री स्कूल के रूप में चुना है। लाखों रुपये खर्च करके वहाँ विभिन्न सुविधाएँ प्रदान की गई हैं। इसमें इंटरनेट सुविधाओं के साथ एक कंप्यूटर प्रयोगशाला भी शामिल है।
प्राथमिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश मिश्रा ने कहा है कि सभी स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल फोन त जरिए इंटरनेट की सुविधा है। अब जिल परिषद शिक्षकों के लिए विनोबा ऐप लेकर आई है इसका शिक्षण में अच्छा उपयोग हो रहा है। निपु महाराष्ट्र अभियान भी इसमें योगदान दे रहा है। कुस मॉडल स्कूलों का काम लगभग पूरा होने वाला है औ पीरश्री स्कूलों में इंटरनेट सुविधा भी उपलब्ध है।
जिला परिषद के शेष स्कूलों में, डिजिटल शिक्षा का पूरा ध्यान शिक्षक के हाथ में मौजूद एंड्रॉइड मोबाइल फोन पर है। उस फोन का उपयोग भी शिक्षण से ज्यादा वरिष्ठों को सूचना भेजने के लिए किया जा रहा है। जिला परिषद शिक्षा विभाग के अनुसार, जिला परिषद के सभी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा है। लेकिन जब सोलह तहसीलों के शिक्षकों से जानकारी ली, तो स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा केवल शिक्षकों के मोबाइल फोन तक ही सीमित थी।
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जिला परिषद न तो वह सुविधा प्रदान करती है और न ही उसका खर्च उठाती है। 2,569 स्कूलों में अभी तक इंटरनेट नहीं है। कुछ उद्यमी शिक्षक शिक्षण के लिए अपने स्वयं के मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। लेकिन प्रशासन ने एक अजीबोगरीब दावा किया है कि ‘सभी शिक्षकों के पास मोवाइल फ़ोन हैं, यानी सभी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा है।