(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Bhandara Crime News: भंडारा शहर में सनसनी फैलाने वाले दोहरे हत्याकांड के मामले में पुलिस ने कठोर कार्रवाई करते हुए कुख्यात ‘बैरागी वाडा’ गैंग के चार सदस्यों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया है। इस कदम को गैंग के आपराधिक नेटवर्क पर एक बड़ी चोट माना जा रहा है, जिसने पूरे शहर में दहशत फैला रखी थी।
जिन चार आरोपियों पर मकोका लगाया गया है, उनमें गैंग के सरगना साहिल शाकिर शेख (23) और उसका भाई फैजान शाकिर शेख (25), प्रीतम विलास मेश्राम (33), और आयुष मुन्ना दहिवले (19) शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, साहिल और फैजान का सौदागर मोहल्ला निवासी वसीम उर्फ टिंकू फारुख खान (36) के साथ लंबे समय से दुश्मनी चल रही थी। इस रंजिश के चलते, साहिल ने टिंकू को जान से मारने की योजना बनाई और अपने साथियों प्रीतम और आयुष को इसमें शामिल कर लिया।
यह जघन्य अपराध 9 अगस्त की रात करीब 9:30 बजे हुआ, जब गैंग ने धारदार हथियारों से टिंकू पर हमला कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। इस दौरान, टिंकू के दोस्त शशांक मिलिंद गजभिये (25) ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उसे भी नहीं बख्शा और उसकी भी हत्या कर दी। अशरफी नगर निवासी यासिन शेख की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
भंडारा पुलिस की जानकारी के अनुसार, साहिल और फैजान शेख का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। उनके खिलाफ पहले से ही हत्या के प्रयास, गंभीर मारपीट, अपहरण, फिरौती, सरकारी काम में बाधा डालने और अवैध हथियार रखने जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं। बार-बार जमानत पर छूटने के बावजूद उनकी आपराधिक गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने नए सदस्यों को जोड़कर फिर से गैंग बनाई और शहर में अपना खौफ फैलाना शुरू कर दिया था।
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जिला पुलिस अधीक्षक नुरूल हसन के मार्गदर्शन में, भंडारा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी ने इस गैंग के खिलाफ मकोका लगाने का प्रस्ताव तैयार कर नागपुर क्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक को भेजा। विशेष पुलिस महानिरीक्षक संदीप पाटील ने इस प्रस्ताव का गहन अध्ययन किया और गुरुवार, 4 सितंबर को इन आरोपियों पर मकोका की धाराएं लगाने का आदेश दिया।
इस महत्वपूर्ण कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक नुरूल हसन और अपर पुलिस अधीक्षक निलेश मोरे ने किया। इसमें स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक नितीनकुमार चिंचोलकर, भंडारा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी उल्हास भुसारी, और अपराध शाखा तथा भंडारा पुलिस की पूरी टीम ने अहम भूमिका निभाई। इस सख्त कार्रवाई से ‘बैरागी वाडा’ गैंग के सदस्यों को एक मजबूत संदेश मिला है कि अब कानून का शिकंजा उन पर कस चुका है।