खेत में कीटनाशक छिड़काव करता किसान (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pesticide Overuse Soil Water Health Hazard: खेती में कीटनाशकों का अधिक उपयोग हो रहा है। कीटनाशक के ज्यादा उपयोग से भूमि की उर्वरक शक्ति कम हो रही है तथा यह कीटनाशक जमीन में रिसकर भूजल को विषैला बना रहा है। दूसरी ओर इसका स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। सब्जियों पर विभिन्न रसायनों का उपयोग उनके उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
इसके कारण इन सब्जियों के पोषण तत्व नष्ट होने से ये सब्जियां स्लो पाइजन साबित हो रही है क्योंकि ये मानव शरीर के लिए घातक है। किसानों के पास फसल के छिड़काव के लिए उपयोग की जाने वाली दवा के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होने से वे जब कोई बताता है तो दवा का छिड़काव उसी तरह करते हैं।
कीटनाशकों के अत्याधिक उपयोग से मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहे हानिकारक दुष्प्रभावों की खबरें आये दिन पढ़ने सुनने को मिलती हैं। कीटनाशक कितने खतरनाक हो सकते हैं इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है।
देखने में आ रहा है कि आज अन्य फसलों के साथ सब्जी-भाजी का उत्पादन इन कीटनाशकों पर पूरी तरह आश्रित होकर रह गया है। फसलों में लग रहे कीट, रोग, बीमारियां और खरपतवारों के निदान के लिए किसानों के सामने इन कीटनाशकों को प्रयोग करने के अलावा कोई दूसरा चारा भी नहीं रहता है।
ऐसे में कीटनाशकों से मानव सहित पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा के लिए इनके विकल्प तलाशने की जरूरत है। बाजार में अन्य विज्ञापनों के रूप में कृषि चिकित्सा के विज्ञापन शुरू हो गए हैं। लेकिन सच्चाई कोई नहीं देखता। नकली दवाएं बाजार में अधिक लोकप्रिय हो गई है। अधिक कमीशन के चक्कर में दूकानदार किसानों को नकली दवा थमा देते हैं। जबकि इसकी जांच की जाए।
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खेती में कीटनाशकों के अधिक उपयोग पर रोक लगाने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जाती रही है। इसके मद्देनजर सरकार ने कुछ कीटनाशकों के खतरनाक प्रभावों को देखते हुए उन्हें प्रतिबंधित भी किया, लेकिन फिर भी इनका उपयोग नहीं रुका।
सब्जियों का उत्पादन लेते समय उपयोग की जाने वाली दवा की मात्रा रासायनिक दवाओं के छिड़काव से तय होती है। लेकिन अधिक उत्पादन के लिए उनका बेजा उपयोग हो रहा है। यह स्वास्थ्य के लिहाज से घातक है। विशेषज्ञों के अनुसार दिन-ब-दिन व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के कारण होती है। व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता पहले की तुलना में अब कम हो रही है।