स्पाइसजेट (pic credit; social media)
Maharashtra News: उड़ान में घंटों की देरी का सामना करने वाले यात्रियों के लिए राहत की खबर है। मुंबई जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने स्पाइसजेट एयरलाइन को आदेश दिया है कि वह एक यात्री को 14 घंटे की उड़ान देरी के लिए 55,000 रुपये मुआवजे और कानूनी खर्च का भुगतान करे।
शिकायतकर्ता, जो मुलुंड निवासी हैं, ने आयोग में दायर याचिका में बताया कि 27 जुलाई 2024 को वह दुबई से मुंबई आने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट से सफर कर रहे थे। यह उड़ान अपने तय समय से पूरे 14 घंटे देरी से, यानी 28 जुलाई को रवाना हुई। यात्री ने आरोप लगाया कि इस दौरान एयरलाइन ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया और यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं, जैसे भोजन और ठहरने की व्यवस्था, समय पर उपलब्ध नहीं कराई गईं।
स्पाइसजेट ने अपनी सफाई में कहा कि उड़ान की देरी तकनीकी खराबी की वजह से हुई, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी थी। आयोग ने माना कि तकनीकी खराबी वाजिब कारण हो सकता है, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों की देखभाल करना एयरलाइन की जिम्मेदारी है।
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आयोग ने स्पष्ट किया कि जब तक उड़ान आगे की यात्रा के लिए तैयार नहीं होती, तब तक यात्रियों की देखभाल सुनिश्चित करना एयरलाइन का दायित्व है। इसमें भोजन, पानी, होटल और आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि एयरलाइंस यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों के प्रति जवाबदेह हैं। तकनीकी वजहों को लेकर उड़ान में देरी हो सकती है, लेकिन इससे यात्रियों को असुविधा होने पर उन्हें राहत देना अनिवार्य है।
इस आदेश के बाद एयरलाइंस के लिए यह एक बड़ा संदेश है कि यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना सिर्फ कानूनी औपचारिकता नहीं, बल्कि उनकी जिम्मेदारी है।
यात्री को अब स्पाइसजेट से 55,000 रुपये का मुआवजा और कानूनी खर्च मिलेगा, जो उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में एक अहम फैसला माना जा रहा है।