
दर्यापुर पंचायत समिति (सोर्स: सोशल मीडिया)
Daryapur Panchayat Samiti News: अमरावती जिले के धारणी इलाके की महत्वपूर्ण दर्यापुर पंचायत समिति इस समय प्रशासनिक अनदेखी का शिकार है। पिछले लंबे समय से यहां स्थायी और पूर्णकालिक गटविकास अधिकारी (BDO) की नियुक्ति नहीं की गई है, जिसके चलते पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। ग्रामीण विकास की रीढ़ मानी जाने वाली यह संस्था फिलहाल केवल ‘प्रभारी’ अधिकारियों के सहारे चल रही है, जिसका खामियाजा तहसील की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
स्थायी नेतृत्व न होने का फायदा उठाते हुए कार्यालय के कुछ कर्मचारियों में अनुशासनहीनता और लापरवाही बढ़ गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि छोटे-छोटे प्रमाणपत्रों, ग्राम पंचायतों की फाइलों और विकास कार्यों के प्रस्तावों पर हफ़्तों तक कोई कार्रवाई नहीं होती। जब नागरिक कार्यालय पहुँचते हैं, तो उन्हें अक्सर यह कहकर टाल दिया जाता है कि “साहब उपलब्ध नहीं हैं” या “फाइल साइन के लिए प्रभारी के पास भेजी गई है।”
प्रभारी गटविकास अधिकारी के पास अतिरिक्त जिम्मेदारियां होने के कारण वे पंचायत समिति पर पूर्ण नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं। इसका सीधा असर केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पड़ रहा है। मनरेगा (MGNREGA), प्रधानमंत्री आवास योजना, पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता अभियान और महिला एवं बाल कल्याण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की गति धीमी पड़ गई है। समय पर निधि का नियोजन और क्रियान्वयन न होने से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास पूरी तरह बाधित हो गया है।
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दर्यापुर पंचायत समिति के पूर्व उपसभापति रामेश्वर इंगले ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व के अभाव में संस्था निष्क्रियता की ओर बढ़ रही है। ग्रामीण जनता की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए तत्काल एक सक्षम और पूर्णकालिक गटविकास अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य है।
दर्यापुर तहसील के नागरिकों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लिया जाए। केवल प्रभारी व्यवस्था के भरोसे कामकाज चलाने के बजाय जल्द से जल्द स्थायी अधिकारी की तैनाती की जाए, ताकि रुकी हुई विकास प्रक्रियाओं को दोबारा शुरू किया जा सके।






