
भालू (सोर्स: सोशल मीडिया)
Wild Bear Rescue Operation In Chandrapur: चंद्रपुर जिले के प्रादेशिक वनक्षेत्र चिचपल्ली के अंतर्गत आने वाले चिचाला गांव में मंगलवार की रात वन्यजीवों के आतंक की एक खौफनाक घटना सामने आई। तीन भालुओं के एक झुंड ने गांव में घुसकर भारी उत्पात मचाया, जिसमें एक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना ने एक बार फिर चंद्रपुर में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को उजागर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात करीब 12 बजे कवडपेठ मार्ग से होते हुए तीन भालू चिचाला गांव की बस्ती में दाखिल हुए। ग्रामीणों ने बताया कि कुत्तों के भौंकने और लोगों के शोर मचाने के कारण भालू भी घबरा गए थे। इनमें से दो भालू तो वापस जंगल की ओर भाग गए, लेकिन एक भालू गांव में ही फंस गया। वह पूरी रात गांव की गलियों में इधर-उधर भागता रहा और छिपने के लिए जगह ढूंढता रहा, जिससे पूरे गांव में भय का माहौल पैदा हो गया।
गांव के निवासी सुरेश काशीनाथ कुनघाडकर जब रात के समय अपने घर से बाहर निकले, तभी वहां छिपे भालू ने उन पर अचानक हमला कर दिया। भालू के नाखून और दांतों से सुरेश के चेहरे, विशेषकर आँखों के पास गहरे जख्म आए हैं। उन्हें तुरंत मूल उपजिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पहले चंद्रपुर और फिर बेहतर इलाज के लिए नागपुर रेफर किया गया।
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घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची और रातभर भालू की निगरानी की। बुधवार (17 दिसंबर) की सुबह वन विभाग ने एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। कड़ी मशक्कत के बाद उत्पात मचाने वाले भालू को सुरक्षित पकड़ लिया गया और उसे वापस गहरे जंगल में छोड़ दिया गया। वन विभाग ने पीड़ित परिवार की स्थिति को देखते हुए तत्काल राहत के रूप में 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है।
यद्यपि भालू को पकड़ लिया गया है, लेकिन चिचाला गांव में अब भी डर का माहौल बना हुआ है। जंगल से सटे होने के कारण इस गांव में अक्सर हिंसक वन्यजीवों का आना-जाना लगा रहता है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि इस क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।






