
सफेद सोने की चमक हुई फीकी, खेतों में सड़ रहा कपास (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola News: अकोला तहसील में कपास एक प्रमुख फसल है, जिसकी बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। हर वर्ष बॉड इल्ली की समस्या से जूझते किसान इस बार फसल कटाई के समय बेमौसम बारिश की मार झेल रहे हैं। दिवाली के बाद से शुरू हुई कपास की तुड़ाई को चार-पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश ने बुरी तरह प्रभावित किया है। खेतों में भीगा हुआ कपास अब मिट्टी में मिल रहा है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
सोयाबीन की कटाई अंतिम चरण में है, लेकिन बारिश के कारण सोयाबीन के ढेरों में पानी भर गया है और दाने काले पड़ने लगे हैं। वहीं कपास की गुणवत्ता भी गिर रही है क्योंकि वह जमीन पर लटक रहा है। अगस्त-सितंबर में आई अतिवृष्टि और बाढ़ से पहले ही किसान परेशान थे, अब दिवाली के बाद की लगातार बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। खेतों में पानी भर गया है, रास्ते कीचड़ से भर गए हैं, जिससे फसल घर तक लाना मुश्किल हो गया है।
किसानों को अब कपास के बोंड सड़ने का डर सताने लगा है। भीगे हुए कपास से उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका है। पहले से ही बढ़ी हुई लागत, खाद-बीज और कीटनाशकों के महंगे दाम, साथ ही बाजार में मिल रहे कम भाव ने किसानों को कर्ज के बोझ तले दबा दिया है। अब इस बेमौसम बारिश ने उनकी बची खुची उम्मीद भी छीन ली है। सरकारी मदद अभी तक नहीं पहुंची है और प्रकृति की मार ने उन्हें गीले अकाल की स्थिति में ला खड़ा किया है।
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खेतों की फसलें जब अंतिम चरण में घर लाने के लिए तैयार थीं, तभी बेमौसम बारिश ने फिर से दस्तक दे दी। लगातार हो रही बारिश ने फसल कटाई में बाधा डाल दी है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। खेतों में पानी भर गया है, रास्ते कीचड़ से भर गए हैं और फसलें सड़ने लगी हैं। ऐसे में किसानों के चेहरे पर एक बार फिर निराशा की गहरी छाया साफ दिखाई दे रही है।






