विधायक नितिन देशमुख (सोर्स: सोशल मीडिया)
अकोला: शिवसेना (यूबीटी) के अकोला जिला प्रमुख व बालापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नितिन देशमुख की ओर भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एसीबी) की नजरें लगी हुई हैं। अमरावती ‘एसीबी’ द्वारा विधायक देशमुख के जिला परिषद कार्यकाल की जानकारी देने के संबंध में जिला परिषद प्रशासन को पत्र भेजे जाने के बाद अब यह बात सामने आई है कि विधायक देशमुख के बच्चों के शैक्षणिक खर्चों की जानकारी देने के लिए संबंधित स्कूल को पत्र भेजा गया है।
सन 2019 में राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार बनी। इस सरकार ने अपना ढाई साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं किया और शिवसेना में विभाजन के बाद राज्य में महायुति सरकार सत्ता में आई। उस वक्त 40 विधायकों के साथ जाने वाले विधायक नितिन देशमुख गुवाहाटी से लौटे थे। इसके बाद से अमरावती ‘एसीबी’ ने विधायक देशमुख की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है।
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इस बारे में विधायक नितिन देशमुख से 17 जनवरी 2023 को अमरावती कार्यालय में पूछताछ की गई थी। जहां पिछले कुछ महीनों से यह जांच अधर में थी, वहीं अब फिर विधायक देशमुख को लेकर अमरावती भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के स्तर पर जांच शुरू हो गई है। विधायक देशमुख जब 2009 से 2019 तक जिला परिषद के सदस्य थे, उस दौरान संबंधित जानकारी प्रस्तुत करने के लिए जिप प्रशासन को पत्र दिया गया है।
अमरावती ‘एसीबी’ ने विधायक देशमुख के बेटे और बेटी की पढ़ाई के खर्च की जानकारी देने के लिए संबंधित स्कूल को पत्र लिखा है। जानकारी के अनुसार संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक को विधायक नितिन देशमुख के बेटे और बेटी के स्कूल में प्रवेश के बाद से उनके शैक्षणिक खर्च और एकत्र की गई फीस की जानकारी देने को कहा गया है।
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मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एसीबी) की टीम विधायक नितिन देशमुख के बच्चों की पढ़ाई के खर्च के साथ-साथ डीजल-पेट्रोल के खर्च तक की भी जानकारी मांगी है। विधायक नितिन देशमुख ने इस कार्रवाई के बाद कहा कि यह सब मुख्यमंत्री के कहने पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं शिंदे गुट में शामिल नहीं हुआ इसीलिए मेरे ऊपर यह कार्रवाई की जा रही है।