अकोला में 2 अलग-अलग आत्महत्या की घटनाए। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अकोला: अकोला से 2 अलग-अलग आत्महत्या की घटनाए सामने आई है। पहली घटना में स्थानीय समता नगर, कैलास टेकड़ी निवासी नयना बहिरे (पूर्व नाम कुरोडीवाल) की 6 जून 2025 को संदिग्ध परिस्थिति में फांसी लगाकर आत्महत्या की खबर ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। नयना का विवाह विनोद बहिरे से हुआ था, जो अंजनगांव सुर्जी (अमरावती) के निवासी हैं। मृतका के मायके वालों ने आरोप लगाया है कि लगातार ससुराल पक्ष द्वारा मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण नयना ने यह कदम उठाया। मृतका के भाई को 6 जून की सुबह सूचना मिली कि नयनाने आत्महत्या कर ली है।
परिवार का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या हो सकती है। इससे पूर्व भी, छह महीने पहले नयनाने आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन ससुराल पक्ष के निवेदन पर कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। कुरोडीवाल परिवार का कहना है कि उन्होंने उम्मीद बनाए रखी थी कि हालात सुधर जाएंगे, लेकिन प्रताड़ना और आर्थिक मांगें बढ़ती रहीं। परिवार की शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि नयना के विवाह के बाद दहेज के रूप में 10 लाख रुपये और एक चारपहिया वाहन पति को दिए गए थे, ताकि वह इलेक्ट्रिक स्कूटर शोरूम खोल सके। इसके बावजूद नयना को मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा।
अंजनगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर पति विनोद बहिरे, सुशील बहिरे, उमा बहिरे, प्रेमचंद बहिरे, अनीता बहिरे (सभी निवासी भालदारपुरा, अंजनगांव), मीना तोंडगिरे (छत्रपति संभाजीनगर), और नितिन मलिये (डाबकी रोड, अकोला) पर भा.दं.सं. की धारा 108 और 0(5) (बीएनएस 2023 अनुसार) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कुरोडीवाल परिवार ने यह भी संदेह जताया है कि हाल ही में बहिरे परिवार द्वारा कृषि भूमि बेचकर प्राप्त बड़ी राशि और उससे जुड़ी जानकारी रखने को लेकर भी नयना पर मानसिक दबाव डाला जा रहा था। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
“गर्भपात की अनुमति दीजिए”, अकोला की 12 वर्षीय बच्ची की हाईकोर्ट से भावनात्मक अपील
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत न्यू तापडिया नगर में शनिवार दोपहर एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. प्रशांत जावरकर (48) ने कथित तौर पर विषैले इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली।
प्राप्त प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, डा. जावरकर अमरावती निवासी थे और पिछले कुछ वर्षों से अकोला के एक निजी अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार के रूप में सेवा दे रहे थे।वे न्यू तापडिया नगर के नंद ले-आउट स्थित एक बंगले में निवास करते थे। अनुमान है कि उन्होंने अपने ही निवास पर विषाक्त औषध का इंजेक्शन स्वयं को लगाया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ी।
परिजन उन्हें तत्काल अकोला के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। हालांकि, आत्महत्या के पीछे का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। सिविल लाइन पुलिस थाने ने इस प्रकरण में आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। मृतक के शरीर का पंचनामा कर शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
शवविच्छेदन (पोस्टमार्टम) रिपोर्ट से मृत्यु का वास्तविक कारण स्पष्ट होने की उम्मीद है। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल और डॉक्टर की पृष्ठभूमि से जुड़े सभी पहलुओं की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। यह मामला चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के असामयिक निधन से जुड़ा होने के कारण शहर में शोक और चौंक का विषय बन गया है।