अहिल्यानगर नगर निगम का डेंगू-मुक्ति अभियान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar Municipal Corporation: अहिल्यानगर नगर निगम द्वारा चलाए गए डेंगू मुक्त अभियान के तहत, अहिल्यानगर शहर में 12 हजार घरों का दौरा किया गया और 36 हजार पानी की टंकियों की जांच की गई। इनमें से 570 पानी की टंकियां दूषित पाई गईं और उन्हें तुरंत नष्ट कर दिया गया। नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि नगर निगम द्वारा चलाए गए डेंगू मुक्त अभियान के माध्यम से जन जागरूकता के कारण इस वर्ष केवल 8 मरीज मिले हैं और मलेरिया का एक भी मरीज नहीं मिला है। पिछले साल 78 मरीज डेंगू से संक्रमित हुए थे और उससे पिछले साल 98 मरीज डेंगू से संक्रमित हुए थे।
नगर आयुक्त एवं प्रशासन यशवंत डांगे ने कहा कि नगर निगम के अभियान के कारण इस वर्ष डेंगू के मरीजों में कमी आई है। चिकनगुनिया, पीत ज्वर, डेंगू और मलेरिया मच्छरों से होने वाली बीमारियां हैं। डेंगू रोग मच्छरों से होता है और साफ पानी में होता है। डांगे ने नागरिकों से समय-समय पर घर में जमा पानी को नष्ट करने और सप्ताह में एक दिन सूखा दिवस मनाने की अपील की।
शनिवार को सारसनगर क्षेत्र में चलाए गए अभियान में आयुक्त यशवंत डांगे, पूर्व नगरसेवक प्रकाश भगानागरे, संजय चोपड़ा, हबप प्रभाताई भोंग, शिवाजी विधाते, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सतीश राजुरकर, शिवाजी म्हस्के, जगन्नाथ बोडखे, डॉ. राहुल मुथा, डॉ. संदीप राउत, डॉ. आयशा शेख शामिल हुए। छह साल की बच्ची कुमारी तनिष्का चंदेवे ने मच्छर का रूप धारण कर स्वास्थ्य पर इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया।
कुमारी अस्मिता इंगले ने गणपति आरती के दौरान नागरिकों को संक्रामक रोगों के प्रति जागरूक किया। डॉ. आयशा शेख ने कार्यक्रम का संचालन किया और डॉ. सतीश राजुरकर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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डेंगू मुक्त अभियान में 100 कर्मचारी काम कर रहे हैं। पांच-पांच लोगों की बीस टीमें काम कर रही हैं और घर-घर जाकर जलाशयों का निरीक्षण कर रही हैं। दूषित जलाशय पाए जाने पर उन्हें नष्ट किया जा रहा है। अभियान का यह ग्यारहवां सप्ताह है और 12 हज़ार घरों में 36 हज़ार जलाशयों का निरीक्षण किया गया है। इनमें से 570 दूषित जलाशय पाए गए और उन्हें नष्ट कर दिया गया।