
कासारा दुमाला में 1.39 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का उद्घाटन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Sangamner Taluka News: लोगों को यह याद रखना चाहिए कि केंद्र और राज्य में हमारी विचारधारा की सरकार है। संगमनेर तालुका में हमारा विधायक होने के कारण विकास निधि ग्रेजुएट एमएलए से नहीं, बल्कि विधानसभा विधायक के माध्यम से ही मिल सकती है। जनता के प्रेम और विश्वास के कारण ही मैं स्वयं हर गांव तक पहुंचा हूं और हर गांव तक विकास निधि भी पहुंचाई है। इसलिए लोगों को यह पहचानना चाहिए कि फंड लाने वाला विधायक कौन है।
यह अपील विधायक अमोल खताल ने संगमनेर तालुका के कसारा दुमाला गांव में 1 करोड़ 39 लाख रुपये की लागत से होने वाले विभिन्न विकास कार्यों के उद्घाटन अवसर पर की। वे शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस अवसर पर सरपंच राजेंद्र त्रिभुवन, उपसरपंच अमोल वाल्के, शिवसेना उप-जिला प्रमुख रमेश काले, शहर प्रमुख दिनेश फटांगरे, नगरसेविका साक्षी सूर्यवंशी, आशा काले, संगीता पुंड, सपना जाधव, अशोक काले, बबन सालके, दत्तात्रय नाइक, तुलसीराम सतपुते, मच्छिंद्र सूर्यवंशी, नारायण शिंदे, अशोक सावंत सहित अन्य गणमान्य नागरिक मंच पर उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामवासी और महिलाएं मौजूद थीं।
विधायक अमोल खताल ने कहा कि पिछले एक वर्ष में महायुति सरकार के माध्यम से तालुका के लिए हजारों करोड़ रुपये का फंड लाया गया है, लेकिन कुछ कार्यकर्ता इस कार्य को जनता तक पहुंचाने में पीछे रह गए। फंड मैं लाता हूं, लेकिन उसका श्रेय कोई और ले जाता है। यह लड़ाई पैसे की ताकत के खिलाफ जनता की ताकत की है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की शक्ति के दम पर ही विकास कार्य संभव हो रहे हैं। इस गांव के लिए एक वर्ष में कुल 1 करोड़ 39 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। आने वाले चुनावों में विकास के लिए महायुति का मजबूती से साथ देने की अपील उन्होंने की।
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संगमनेर तालुका में तेंदुओं की संख्या बढ़ने के मद्देनजर पकड़े गए तेंदुओं की सुरक्षित व्यवस्था के लिए संरक्षक मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के माध्यम से नीमगांव जाली शिवरा के दूधेश्वर क्षेत्र में लेपर्ड सफारी पार्क विकसित किया जाएगा, जहां पकड़े गए तेंदुओं को छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि बिना किसी अधिकारिक पद के केवल वन मंत्री से मुलाकात करना और फोटो खिंचवाना कोई काम नहीं होता।
उन्होंने कहा कि यदि यह दावा किया जा रहा है कि ग्रेजुएट एमएलए ने विकास निधि उपलब्ध कराई है, तो उन्हें यह बताना चाहिए कि उन्होंने नासिक (सिन्नर), धुले (सकरी), जलगांव (चोपड़ा) और अहिल्यानगर (कर्जत-जामखेड़) क्षेत्रों में कितने करोड़ रुपये दिए हैं। ग्रेजुएट एमएलए का कार्यक्षेत्र केवल स्नातकों तक ही सीमित होता है।






